बेंगलुरु। भ्रूण हत्या रैकेट में नया खुलासा हुआ है। सीआईडी ने अल्ट्रासाउंड मशीनों के सप्लायर को दबोचा गया है। बायोमेडिकल कंपनी के मालिक की गिरफ्तारी के साथ मामले में नया खुलासा हुआ है। आरोपी ने गिरफ्तार डॉक्टरों को अल्ट्रासाउंड स्कैनिंग मशीन की सप्लाई की थी। आरोपी मंगलुरु में अविष्कारा ब्रदर्स बायोमेडिकल प्राइवेट लिमिटेड का मालिक लक्ष्मण गौड़ा एम है।
दोषियों को तीन स्कैनिंग मशीनें बेचीं
आरोपी गौड़ा के पास प्री-कंसेप्शन और प्री-नेटल डायग्नोस्टिक तकनीक (पीसीपीएनडीटी) अधिनियम के तहत अनुमोदित डायग्नोस्टिक केंद्रों और अस्पतालों को अल्ट्रासाउंड/ इमेजिंग सहित बायोमेडिकल मशीनें बेचने का लाइसेंस था। सीआईडी अधिकारियों को जांच के दौरान पता चला कि आरोपी गौड़ा ने आयुर्वेदिक डॉक्टर मल्लिकार्जुन को तीन स्कैनिंग मशीनें बेचीं। डॉक्टर मल्लिकार्जुन इस मामले के आरोपियों में से एक हैं। मल्लिकार्जुन ने ही भ्रुण हत्या के दोषी अन्य डॉक्टरों को मशीनें मुहैया कराई थीं।
सीआईडी ने बिचौलिए सिद्देश को गिरफ्तार किया
बताया गया कि इन अस्पतालों ने मशीनों को पुनर्विक्रय के लिए आरोपी गौड़ा को वापस कर दिया था। पुनर्विक्रय के दौरान गौड़ा ने अवैध रूप से प्रति मशीन लगभग 1.5 लाख रुपये चार्ज करके उन्हें मल्लिकार्जुन को बेच दिया। तीसरी मशीन बीते दिवस दावणगेरे निवासी बिचौलिए सिद्देश से बरामद की गई है। सिद्देश को सीआईडी ने गिरफ्तार किया है।
गौरतलब है कि किसी डॉक्टर या अस्पताल को स्कैनिंग मशीन खरीदने के लिए सक्षम प्राधिकारी से अनुमति लेनी होती है। संबंधित बायोमेडिकल फर्म का विवरण लेकर ही इसे प्राप्त किया जाता है। सक्षम प्राधिकारी की अनुमति के बाद ही डॉक्टर और बायोमेडिकल फर्म बिक्री के लिए आगे कार्रवाई कर सकते हैं।