हैदराबाद। मेडिकल स्टोर पर छापामारी कर 5.52 लाख रुपये कीमत की दवाइयां जब्त की गई हैं। यह कार्रवाई तेलंगाना राज्य औषधि नियंत्रण प्रशासन (टीएसडीसीए) ने वनस्थलीपुरम में स्थित एक मेडिकल स्टोर पर की। स्टोर से इट्रारोल-100 (इट्राकोनाजोल कैप्सूल बीपी 100 मिलीग्राम) और इट्रारोल-200 (इट्राकोनाजोल कैप्सूल बीपी 200 मिलीग्राम) दवा जब्त की हैं। बरामद की गई इन दवाओं की कीमत 5.52 लाख रुपये बताई गई है।
बता दें कि दवाएं इट्रारोल-100 (इट्राकोनाजोल कैप्सूल बीपी 100 मिलीग्राम) और इट्रारोल-200 (इट्राकोनाजोल कैप्सूल बीपी 200 मिलीग्राम) औषधि (मूल्य नियंत्रण) आदेश, 2013 के अनुसार मूल्य नियंत्रण के अंतर्गत आती हैं। इन उत्पादों की कीमत अधिकतम कीमत के अनुसार होनी चाहिए। इन दवाओं की अधिक कीमत पर बेचा जा रहा था।
दवा की अधिक कीमत वसूली जा रही थी
सनफाइन हेल्थ केयर, सोलन, हिमाचल प्रदेश द्वारा निर्मित इट्रारोल-100 (इट्राकोनाजोल कैप्सूल बीपी 100 मिलीग्राम) 10 कैप्सूल के लिए 310 रुपये में बेचा जा रहा था। प्रत्येक कैप्सूल की कीमत 31 रुपये थी, जबकि एक कैप्सूल के लिए एनपीपीए की अधिकतम कीमत (जीएसटी सहित) 18.67 रुपये है। मतलब निर्माता प्रति कैप्सूल 12.33 रुपये अतिरिक्त वसूल रहा था।
हिमाचल प्रदेश में इसी कंपनी द्वारा निर्मित इट्रारोल-200 (इट्राकोनाजोल कैप्सूल बीपी 200एमजी) की 10 कैप्सूल की एमआरपी 435 रुपये है। इसके प्रत्येक कैप्सूल की खुदरा कीमत 43.50 रुपये है। इस दवा के लिए एनपीपीए की अधिकतम कीमत (जीएसटी सहित) 24.77 रुपये प्रति कैप्सूल है। इससे साफ है कि कंपनी एक कैप्सूल पर 18.73 रुपये ज्यादा ले रही थी।
टीएसडीसीए के डीजी वीबी कमलासन रेड्डी ने बताया कि कहा, आवश्यक दवाओं की अधिक कीमत ड्रग्स (कीमत नियंत्रण) आदेश, 2013 के तहत उल्लंघन है और उल्लंघन करने वालों के खिलाफ कानून के अनुसार कड़ी कार्रवाई की जाएगी। आवश्यक दवाओं की कीमतें केंद्र सरकार द्वारा निर्धारित अधिकतम कीमतों के अनुसार होंगी।