अहमदाबाद : गुजरात के युवा नशे के नए तरीकों की गिरफ्त में तबाह हो रहे हैं। चरस, गांजा, हेरोइन सरीखे प्रचलित मादक द्रव्यों के साथ युवा पीढ़ी विदेशों में प्रचिलत एम्फेटामाइन प्रकार के उत्तेजक मादक द्रव्यों, नशीली दवाइयों, पाउडर और यहां तक कि एमडी ड्रग के आदी हो रहे हैं। एटीएस ने इसी साल कणभा इलाके में एक ऐसे कारखाने से पर्दा उठाया जहां देश-विदेश में सप्लाई के लिए एमडी ड्रग्स तैयार की जा रही थी। यहां  २७० करोड़ का एम्फेटामाइन जब्त किया गया। अहमदाबाद अपराध शाखा ने भी एमडी ड्रग्स के साथ दो आरोपी पकड़े।
नशीला कारोबार और खपत रोकने के लिए अहमदाबाद में दो दशक से प्रयास में जुटे नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (एनसीबी) की कार्रवाई भी  आधुनिक नशे की बढ़ती प्रवृत्ति को साबित करती है। एनसीबी सूत्रों के अनुसार वर्ष २०१३-१४ में छह मामले दर्ज करं सौ किलोग्राम चरस के साथ दस लोगों को गिरफ्तार किया था। इसके अलावा ६६९ ग्राम हेरोइन भी जब्त की थी। वर्ष २०१४-१५ की बात करें तो ८ मामले दर्ज हुए और १५ आरोपियों को नशीले पदार्थों की तस्करी में गिरफ्तार किया। इसमें ५३.०४ किलोग्राम चरस पकड़ी और १.३९० किलोग्राम हेरोइन को जब्त किया। नींद की गोली की २७२.५२२ किलोग्राम टेबलेट बरामद कीं और ४१७ ग्राम मिथाइलफेनिडेट पाउडर जब्त किया। एक और मेडिकल ड्रग की १४,३१० टेबलेट बरामद की गईं। वर्ष २०१५-१६ में एनसीबी ने पांच मामले दर्ज करते हुए छह लोगों को गिरफ्तार किया। आरोपियों से १२.९९४ किलोग्राम चरस, २३ किलोग्राम गांजा, तथा नशे में इस्तेमाल होने वाली अलग दवाओं की क्रमश: ४७१६० टेबलेट,  ४१८० टेबलेट और इंजेक्शन,  ६४७० टेबलेट, ६११० और सदेफ रंग की ६.५२० किलोग्राम टेबलेट बरामद की। एनसीबी की अहमदाबाद यूनिट के अध्यक्ष हरिओम गांधी कहते हैं कि भागदौड़ भरी जिंदगी में मां-बाप बच्चों को समय नहीं दे पा रहे हैं। उनके बीच संवादहीनता उन्हें नशे की गर्त में धकेल रही है। सामाजिक संगठनों के सहयोग से युवाओं को जागरूक किया जा रहा है।