Medical College: अब देश में बड़े अस्पताल भी अपना मेडिकल कॉलेज (Medical College) खोल सकेंगे। केंद्र सरकार की ओर से ये फैसला लिया गया है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया (Health Minister Mansukh Mandaviya) की बैठक में इस फैसले को लिया गया। इस बैठक में देश के 62 अस्पतालों ने भाग लिया।

एमबीबीएस की सीट बढ़ाने के लिए उठाया गया कदम : Medical College

स्वास्थ्य मंत्रालय ने एमबीबीएस की सीट बढ़ाने और बाहर जाकर मेडिकल की पढ़ाई करने वाले छात्रों को देखते हुए ये फैसला लिया है। दरअसल, केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया ने देश के जाने-माने अस्पतालों से अपील की थी कि वे मेडिकल एजुकेशन के क्षेत्र में आयें।  इसके पीछे सरकार का मकसद है कि देश में मेडिकल शिक्षा को अफोर्डेबल बनाना है। केंद्र सरकार की ओर से  देश के प्रतिभाशाली स्‍टूडेंट्स को देश में ही मेडिकल एजूकेशन की अतिरिक्‍त सीटें उपलब्‍ध कराने की दिशा में भी तैयारियां की गई हैं।

विदेश जाने वाले भारतीय छात्रों को रोकना 

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया ने प्राइवेट अस्पतालों के प्रतिनिधियों के साथ बैठक कर उनसे एमबीबीएस और स्नातकोत्तर चिकित्सा पाठ्यक्रम शुरू करने का आग्रह किया है। सरकार के द्वारा उठाए गए इस कदम का उद्देश्य चिकित्सा का अध्ययन करने के लिए विदेश जाने वाले भारतीय छात्रों को रोकना है। स्वास्थ्य मंत्रालय के सूत्रों का कहना है कि उम्मीद है कि निजी अस्पतालों के माध्यम से इस साल लगभग 1,500 अतिरिक्त मेडिकल सीटें उपलब्ध हो जायेगी।

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स्वास्थ्य मंत्री ने मीडिया कर्मियों से कहा कि मैं व्यक्तिगत रूप से अपने डॉक्टरों को विदेशों के बजाय भारत में प्रशिक्षण देने के पक्ष में हूं। मैंने हाल ही में लीलावती, अमृता अस्पताल, मेदांता, ब्रीच कैंडी और कोकिलाबेन सहित 62 प्राइवेट अस्पतालों के साथ बैठक की और उनसे स्नातक चिकित्सा पाठ्यक्रम शुरू करने का आग्रह किया। मुझे उम्मीद है कि उनमें से कम से कम 15-20 अस्पताल इस साल कुछ सीटों से शुरुआत करेंगे। कोकिला बेन, सत्य साई, जसलोक, ब्रिज कैंडी, अपोलो जैसे अस्पताल शामिल हुए हैं। जो अस्‍पताल मेडिकल एजुकेशन के क्षेत्र में अपनी रुचि दिखाएंगे और मेडिकल कॉलेज खोलेंगे।