मेरठ। स्वास्थ्य विभाग की सख्ती के बाद भ्रूण लिंग जांच गिरोह से जुड़े लोगों ने नया हथकंडा अपना लिया है। अब वे चीनी टेबलेट के जरिए भ्रूण की जांच करने लगे हैं। इस टेबलेट को मोबाइल से कनेक्ट कर मिनटों में भ्रूण का लिंग पता कर लिया जाता है। थाईलैंड से मंगाई गई यह डिवाइस रोजाना छह हजार रुपए किराये पर उपलब्ध है। इससे स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी भी हैरान हैं।
गौरतलब है कि स्वास्थ्य विभाग ने प्रदेश में बीते एक साल में 11 केंद्रों पर लिंग जांच के रैकेट पकड़े। लिंगानुपात को लेकर प्रदेश सरकार सख्त हुई तो कोख के कातिलों ने इसका भी तोड़ निकाल लिया। दलालों ने अपने तार थाईलैंड और चीन तक जोड़ लिए। स्वास्थ्य विभाग ने मेरठ में अलग-अलग स्थानों पर छापामारी कर चार ऐसे चीनी टेबलेट जब्त किए हैं, जिससे गर्भवती के भ्रूण की जांच कुर्सी पर बैठकर भी की जा सकती है। इस टेबलेट से मोबाइल को जोडक़र भ्रूण को स्क्रीन पर देख लिया जाता है। इसमें किसी तार का भी प्रयोग नहीं होता। इस तरीके में किसी को संदेह तक नहीं हो पाता। विभागीय अधिकारियों ने माना कि मेरठ में आधा दर्जन से ज्यादा रैकेट सक्रिय हैं। ये टेबलेट रोजाना छह हजार रुपये किराए पर उपलब्ध कराए जा रहे हैं। महिला को अल्ट्रासाउंड केंद्र तक जाने की जरूरत भी नहीं। एजेंट गर्भवती का बीपी नापने के बहाने घर पहुंचकर लिंग जांच कर रहे हैं।
मुख्य चिकित्साधिकारी डा. राजकुमार ने बताया कि पिछले एक साल में टीम ने फर्जी ग्राहकों की मदद से 11 केंद्रों पर लिंग जांच पकड़ी। अल्ट्रासाउंड केंद्रों में गुपचुप पहुंचकर पैसे जब्त करते हुए स्टिंग आपरेशन के दौरान फिगर प्रिंट का प्रमाण जुटाया जाता है। अब दलाल स्टिंग से बचने के लिए अल्ट्रासाउंड केंद्रों पर फीस जमा करके वैधानिक तरीके से जांच कराते हैं। इससे नकद का कोई लेनदेन ही नहीं होता। महिला रिपोर्ट लेकर घर चली जाती है। डाक्टर शाम तक फोन पर दलाल को लिंग की जानकारी दे देता है। उधर, दलाल तीन दिन बाद डाक्टर का पैसा पहुंचा देता है। ऐसे में जांच टीम कोई नकदी नहीं पकड़ पाती है। केंद्र में गर्भवती का नाम, मोबाइल नंबर और पूरा पता दर्ज होता है। इसी रिकार्ड के आधार पर स्वास्थ्य विभाग की टीम महिला का प्रसव तक फालोअप लेती है। अगर बीच में गर्भपात हुआ तो कारण बताना पड़ेगा। स्वास्थ्य विभाग में पीसीपीएनडीटी सेल के प्रभारी डा. प्रवीण कुमार गौतम ने बताया कि चीनी टेबलेट को मोबाइल से जोडक़र मिनटों में भ्रूणके लिंग का पता लगाया जा रहा है। इसे पॉकेट में रखकर व्यक्ति कहीं भी घूम सकता है। यह पूरी तरह प्रतिबंधित है। उधर, स्टिंग से बचने के लिए दलालों ने अल्ट्रासाउंड केंद्रों में नकदी का लेनदेन बंद कर दिया है। लिंग की जानकारी शाम तक फोन पर दे दी जाती है।