करौली (राजस्थान)। जिला चिकित्सालय का ब्लड बैंक बिना लाइसेंस के चल रहा है। इसका लाइसेंस आठ माह पहले ही एक्सपायर हो चुका है। तब से इस ब्लड बैंक के लाइसेंस का नवीनीकरण नहीं हुआ है। गौरतलब है कि स्थानीय चिकित्सालय में वर्ष 1997 में ब्लड बैंक के लिए पहली बार अनुज्ञा पत्र जारी हुआ था। हर पांच वर्ष में अनुज्ञा पत्र रिन्यू कराना अनिवार्य है। लाइसेंस नवीनीकरण की यह प्रक्रिया औषधि नियंत्रक संगठन जयपुर के माध्यम से उपऔषधि नियंत्रक (भारत) गाजियाबाद (यूपी) से होती है।
नियमों के अनुसार बिना लाइसेंस के ब्लड बैंक का संचालन नहीं किया जा सकता लेकिन जनहित के नाम पर चिकित्सालय प्रबंधन ने नियम को दरकिनार किया हुआ है। बताया गया है कि चिकित्सालय प्रशासन की ओर से लाइसेंस की अवधि पूरी होने से पहले ही 15 नवम्बर 2017 को उप-औषधि नियंत्रक गाजियाबाद को लाइसेंस के नवीनीकरण के लिए आवेदन कर दिया था। लाइसेंस के नवीनीकरण के लिए आवेदन करने के बाद जनवरी माह में गाजियाबाद की टीम तथा औषधि निरीक्षकों (डीआई) द्वारा ब्लड बैंक के निरीक्षण की औपचारिकता भी पूरी कर ली गई। इस दौरान सामने आई कमियों की पूर्ति कर आक्षेप संबंधी रिपोर्ट प्रेषित कर दी। हमने ब्लड बैंक के लाइसेंस के नवीनीकरण के लिए पूरी प्रक्रिया कर दी है। संबंधित दस्तावेज भी भिजवा दिए हैं। कुछ कमियां बताई गई थीं, जिनकी भी पूर्ति कर दी गई है। जल्दी ही नवीनीकरण हो जाएगा। इसके लिए प्रयास किए जा रहे हैं।