मुरादाबाद। कैंसर, अस्थमा बीमारी के इलाज में काम आने वाला इंजेक्शन डेक्सामेथासोन सोडियम फास्फेट जांच के दौरान अमानक पाया गया है। इसके चलते इस इंजेक्शन की सप्लाई रोक दी गई है तथा सैंपलिंग के आदेश दिए गए हैं। इससे स्वास्थ्य विभाग में हडक़ंप मचा है। बरेली में जिस कंपनी ने इंजेक्शन सप्लाई किए थे, उसी ने मुरादाबाद में भी स्वास्थ्य विभाग को डेक्सामेथासोन इंजेक्शन की खेप दी थी। गौरतलब है कि इस कंपनी ने मुरादाबाद जिला अस्पताल को पिछले महीने 21400 डेक्सामेथासोन इंजेक्शन सप्लाई किए थे। बरेली में इंजेक्शन के सैंपल फेल होने के बाद मुरादाबाद में भी इनके इस्तेमाल पर रोक लगा दी गई है। एडी हेल्थ ने मंडल के पांचों सीएमओ को आदेश जारी किया है कि डेक्सामेथासोन इंजेक्शन का इस्तेमाल तुरंत रोक दिया जाए। मरीजों को यह दवा देने से पहले इसकी सैंपलिंग कराई जाएगी।
एडी हेल्थ डॉ. सत्या सिंह ने मुरादाबाद मंडल के पांच सीएमओ को ईमेल करके मामले को गंभीरता से लेने के लिए कहा है। उन्होंने कहा है कि बरेली में इंजेक्शन के नमूने फेल हो चुके हैं। इसलिए अब मुरादाबाद मंडल में भी इन इंजेक्शनों के नमूनों की जांच होगी। जांच में सही पाए जाने के बाद ही यह इंजेक्शन मरीजों को दिए जाएंगे। जिला अस्पताल में दवा सप्लाई में केंद्रीय व्यवस्था लागू होने के बाद मुख्य दवा वितरण केंद्र (सीएमएसडी) से ही पूरे प्रदेश के सरकारी अस्पतालों में दवाएं भेजी जाती है। बरेली ड्रग विभाग ने 20 जनवरी को सीएमएसडी से दवाओं के नमूने लिए थे। बीते सप्ताह आई जांच रिपोर्ट मेें डेक्सामेथासोन इंजेक्शन के नमूने अधोमानक पाए गए। इंजेक्शन के साल्ट में 99 से 100 प्रतिशत दवा की जगह 68 फीसदी दवा की मात्रा आई। इसके बाद उन्होंने सीएमएसडी को लेटर लिखकर इंजेक्शन का उपयोग रोकने के लिए कहा है। वहीं, आपूर्ति देने वाली दवा कंपनी के खिलाफ कोर्ट में केस दायर करने की तैयारी चल रही है। मुरादाबाद मंडल के एडी हेल्थ डॉ. सत्या सिंह ने बताया कि दवा सप्लाई की केंद्रीय व्यवस्था लागू है। बरेली में नमूना फेल होने के बाद सभी सीएमओ को मेल भेजा है कि डेक्सामेथासोन इंजेक्शन की सैंपलिंग जांच लें। ठीक पाए जाने के बाद ही आपूर्ति की जाए।