अहमदाबाद। शहर के अस्पताल में इमरजेंसी में आए मरीज के इलार के लिए 9 लाख रुपये वूसले गए, जबकि मरीज के पास प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना कार्ड था। आयुष्मान कार्ड होने के बावजूद इलाज के लिए पैसे लेने पर अस्पताल पर 45 लाख रुपये का जुर्माना लगा है। वहीं, अस्पताल को मरीज के परिजनों से वसूले गए 9 लाख रुपये भी वापस करने के निर्देश दिए गए हैं।
मामला अहमदाबाद के गुरुकुल स्थित स्टर्लिंग अस्पताल का है। आरोप है कि अस्पताल ने समय से रुपये न जमा कराने पर इलाज रोक दिया, जिससे मरीज की मौत हो गई। इस मामले की शिकायत दिए जाने पर जिला आरोग्य अधिकारी ने अस्पताल संचालक पर जुर्माना लगाया है। अस्पताल को जुर्माना रकम सात दिनों में चुकानी होगी।
यह है मामला
जिले के सोला में रहने वाले जशवंत नायक की पत्नी रंजना को हार्ट अटैक आया थ। उसे स्टर्लिंग हॉस्पिटल में इमरजेंसी में इलाज के लिए ले जाया गया। रंजना के पास आयुष्मान योजना के तहत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना कार्ड था।
इसके बावजूद स्टर्लिंग हॉस्पिटल से उनका इलाज योजना के तहत नहीं किया गया। आरोप है कि अस्पताल ने इलाज के लिए नकद रकम मांगी गई। मरीज की हालत को देखते हुए परिजनों ने मजबूरन इलाज के लिए कैश जमा करा दिया।
रंजना के पति जशवंत नायक ने बताया कि हमें स्टर्लिंग अस्पताल ने कहा था कि इमरजेंसी के दौरान PMJAY तहत मरीज का इलाज नहीं हो सकता. हमसे रुपये मांगे गए, जो हमने चुकाये. इलाज शुरू हुआ तो अस्पताल ने दोबारा हमसे रुपये मांगे, जिसमें देरी होने पर उनकी पत्नी का इलाज भी रोक दिया गया. अंत में उनकी पत्नी का देहांत हो गया. अस्पताल ने इलाज के लिए 9 लाख रुपये कैश भरने पर मजबूर किया.
कमेटी में अस्पताल दोषी करार
अहमदाबाद के जिला आरोग्य अधिकारी ने बताया कि स्टर्लिंग हॉस्पिटल द्वारा मरीज के पास ऐक्टिव PMJAY कार्ड होने के बावजूद उसके परिवारजनों से रिपोर्ट, दवा, सर्जरी के लिए 9 लाख रुपये कैश वसूले गए हैं. PMJAY गाइडलाइन का अस्पताल ने स्पष्ट तौर से पालन नहीं किया है. इसकी वजह से मृतक मरीज के परिवार को 9 लाख रुपये चुकाने और दंड के तौर पर 45 लाख रुपये सरकार को देने के निर्देश दिए गए हैं. इसके लिए सात दिन का समय दिया गया है.