श्रावस्ती (उप्र)। स्वास्थ्य सेवाओं का जायजा लेने के लिए जिलाधिकारी दीपक मीणा ने संयुक्त जिला चिकित्सालय भिनगा का निरीक्षण किया। इस दौरान बाहर की दवा लिखने पर चिकित्सक से स्पष्टीकरण तलब करते हुए कार्रवाई के लिए शासन को पत्र लिखने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि अस्पताल में एमआर (दवा कंपनियों के प्रतिनिधि) नजर नहीं आने चाहिए। ऐसा होने पर तत्काल उनके विरुद्ध एफआइआर दर्ज कराएं। अस्पताल पहुंचे डीएम ने सबसे पहले आयुष्मान भारत योजना के तहत संचालित जन आरोग्य केंद्र का जायजा लिया। सीएमएस डॉ. उदयचंद तिवारी को निर्देश दिया कि प्रत्येक दिन कम से कम 10 क्लेम जरूर होने चाहिए। लाभार्थियों को सामान्य प्रकार के गोल्डेन कार्ड दिए जा रहे थे।
इस व्यवस्था में बदलाव लाने का निर्देश उन्होंने सीएमओ डॉ. वीके सिंह को दिया। कहा कि गोल्डेन कार्ड लेमिनेट कर लाभार्थियों को दिए जाएं। यहां से निकलते ही डीएम को दवा कराने आया केशवापुर पजावा गांव निवासी लवकुश पुत्र जगदीश मिल गया। उसे चिकित्सक ने बाहर की दवाएं लिखी थी। यह देख डीएम ने चिकित्सक को आड़े हाथों लेते हुए स्पष्टीकरण मांगा और कार्रवाई के लिए शासन को पत्र लिखने के आदेश दिए। उन्होंने कहा कि अस्पताल में एमआर अक्सर घूमते रहते हैं। इससे पता चलता है कि चिकित्सक बाहर की दवाएं लिख रहे हैं। यदि बाहर की दवाएं लिखना जरूरी है तो इसके साथ दवा बाहर से लिखने का कारण भी लिखें। अस्पताल में यदि कोई एमआर दिख गया तो तत्काल उस पर एफआइआर होगी। परिसर में करेक्टिव सर्जरी के लिए पंजीकरण का कैंप लगाने के भी निर्देश दिए गए।