पूणे (महाराष्ट्र)। आईवीआरआई संस्थान ने फार्मा कंपनियों को शोध करने में हेल्प करने का निर्णय लिया है। संस्थान में हुई इंटरफेस बैठक में फार्मा से जुड़े 37 उद्योगों के प्रतिनिधियों ने भाग लिया। संस्थान के निदेशक डॉ. त्रिवेणी दत्त ने पशुओं की बीमारियों के उन्मूलन में आईवीआरआई के योगदान के बारे में जानकारी दी। उन्होंने बताया कि मजबूत भारत के विकास में आईवीआरआई संस्थान फार्मा कंपनियों की हर संभव सहायता करेगा। बीमारियों के टीके आदि विकसित करने में भी फार्मा कंपनियों को संस्थान पूर्ण सहयोग देगा।

बैठक में डॉ. दत्त ने नई शिक्षा नीति 2020 के तहत चलाए जा रहे विभिन्न पाठ्यक्रमों की भी जानकारी दी। उन्होंने कहा कि इनमें से ज्यादातर पाठ्यक्रम उद्योगों की कार्यप्रणाली को देखते हुए तैयार किए गए हैं।

उद्योग-अकादमिक दोनों के लिए परस्पर लाभकारी

इस मौके पर महाराष्ट्र सरकार के पशुपालन आयुक्त डॉ. हेमंतवसेकर ने कहा कि यह मंच उद्योग-अकादमिक दोनों के लिए परस्पर लाभकारी होगा। संयुक्त निदेशक प्रसार शिक्षा डॉ. रूपसी तिवारी ने कहा कि यह एक ऐसा मंच है, जहां संस्थान द्वारा तैयार प्रौद्योगिकियों की जानकारी विभिन्न उद्योगों को प्रदान कर उनके बड़े पैमाने पर उत्पादन एवं उपलब्धता को सुनिश्चित किया जा सकता है।

इन फार्मा ने दिखाई रुचि

ईफीड, फिलियो बाय लेसाफ्रे, विरबैक एनिमल हेल्थ, आईएनएएफएएच, वेंकटेश्वर हैचरीज, केमलाइफ इनोवेशन, बेंटोली, इंटास, हेस्टर, इंटरवेट और केमिन जैसे उद्योगों ने आईवीआरआई के साथ सहयोगात्मक अनुसंधान में रुचि दिखाई। इसके अलावा, आरटी, एलान्को एनिमल, ओकेमी बायोसाइंस, वेटिना हेल्थकेयर, पोल्ट्री वॉयस ऑफ इंडिया, ईडब्लू न्यूट्रिशन, कारगिल, गोदरेज एग्रोवेट, वारी वूमेन डेयरी फार्मर्स प्रोड्यूसर कंपनी, वेंकटेश्वर रिसर्च एंड ब्रीडिंग फार्म और बायफ जैसे उद्योगों ने किसान सामाजिक उत्थान के कार्यक्रमों में योगदान की इच्छा व्यक्त की है।

वैक्सीन और डायग्नोस्टिक्स विकास पर दी जानकारी

संयुक्त निदेशक (शैक्षणिक) डॉ. एसके मेंदिरता के अनुसारनई शिक्षा नीति के अंतर्गत आईवीआरआई के छात्र उद्योगों में इंटर्नशिप कर रहे हैं। उन्हें आवश्यकतानुसार तैयार किया जा रहा है। बैठक में पोल्ट्री के विशेष संदर्भ में वैक्सीन और डायग्नोस्टिक्स विकास की वर्तमान स्थिति पर डॉ. पीधर, एचडी (मानकीकरण) ने जानकारी दी।