वाराणसी। बदलते मौसम के साथ -साथ मौसमी बीमारियां लगातार दस्तक दे रहीं है। शायद ही ऐसा कोई हो जिसको मौसमी बीमारियों ने अपने प्रकोप में न लिया हो। वायरल बुखार बच्चों से लेकर बड़ों तक को अपना शिकार बना रहा है। बता दें कि जिला अस्पताल कोविड मरीजों के लिए रिजर्व है, ऐसे में मंडलीय हास्पिटल कबीरचौरा पर मरीजों का दबाव लगातार बढ़ता जा रहा है। इस परिस्थिति में पेट दर्द, डायरिया सहित एंटीएलर्जिक व एंटीबायोटिक का टोटा मरीजों का कष्ट बढ़ा रहा है। हालांकि अस्पताल प्रशासन की ओर से इनके विकल्पों की उपलब्धता का दावा किया जा रहा है।

श्री शिव प्रसाद गुप्त मंडलीय चिकित्सालय की ओपीडी में बनारस के अलावा आस-पास के जनपदों व बिहार से रोजाना करीब 1200 से 1500 मरीज इलाज को पहुंचते हैं। एक रुपये की पर्ची बनवाकर कोई भी यहां की ओपीडी में चिकित्सीय परामर्श का लाभ ले सकता है। यहां निश्शुल्क दवा का प्रबंध राज्य सरकार की ओर से किया गया है। रक्त परीक्षण के साथ ही एक्स-रे व अन्य जांच भी बेहद किफायत में होता है। सामान्य दिनों में यहां की जनरल फिजिशियन ओपीडी में 150 से 200 मरीज पहुंचते हैं, लेकिन इन दिनों यह आंकड़ा 400 से अधिक पहुंच जा रहा है। वहीं पीडियाट्रिक वार्ड में रोजाना वायरल बुखार व डायरिया से पीड़ित करीब 10 से 12 बच्चे पहुंच रहे हैं। ऐसे में विगत 15 दिनों से डायरिया, पेट दर्द, नेजल ड्राप सहित एंटीबायोटिक के स्टाक न होना लोगों को खल रहा है।

— वर्जन–
हास्पिटल में लगभग सभी जरूरी दवाओं का स्टाक है। जिन दवाओं की थोड़ी बहुत कमी है, उनके विकल्प उपलब्ध हैं। जरूरत पड़ने पर तत्काल स्थानीय स्तर पर भी दवा की खरीद की जा रही है और मरीजों को उपलब्ध कराया जा रहा है।

– डा. प्रसन्न कुमार, एसआइसी-मंडलीय अस्पताल।

सीमित मात्रा में उपलब्ध दवाएं

दवा उपयोग
– डायक्लोफेनेक सोडियम दर्द निवारक
– एसीक्लोफेनेक दर्द निवारक
– पैरासिटामाल बुखार
– ओफ्लाक्सासिन ओजेड एंटीबायोटिक
– नारफ्लाेक्स टीजेड एंटीबायोटिक
– सिप्रोफ्लाक्सासिन एंटीबायोटिक

15 दिनों से आउट आफ स्टाक दवा

दवा उपयोग
– डेविडिन सीरप एंटीबायोटिक
– जाइलोमेटाजोलिन नेजल ड्राप
– डाक्सीसाइक्लिन 100एमजी एंटीबायोटिक
– सिफिक्जीम 200एमजी एंटीबायोटिक
– डाइसाइक्लोमाइन 10एमजी पेट दर्द
– लेवोसिट्रीजिन 5एमजी एंटी एलर्जिक
– मेट्रोनिडाजाेल डायरिया रोधी