नई दिल्ली।  आयुष मंत्रालय और इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च सेंटर ने देश के एक होम्योपैथी कॉलेज को भी कोरोना की दवा बनाने और उसके ट्रॉयल की मंजूरी दे दी है।  आगरा, यूपी का नेमिनाथ होम्योपैथिक कॉलेज दवा बनाने के साथ ही 200 मरीजों पर दवा का ट्रॉयल भी कर रहा है।  कॉलेज के प्रिंसीपल का कहना है कि अगर सब कुछ ठीक रहा तो जल्द ही कोरोना के इलाज की खुशखबरी यह कॉलेज देगा।  ट्रॉयल के बाद सभी मरीजों का कोरोना टेस्ट कराया जाएगा। गुप्ता के अनुसार ‘ जब दिसम्बर-जनवरी में कोरोना का कहर चीन के बुहान में देखने को मिल रहा था, तबसे हम इस पर निगाह रखे हुए थे।  हमारे कॉलेज के 40 लोगों की टीम देश-विदेश से आने वाली हर खबर पर निगाह रख रही थी।  उसे पढ़ा जाता था।  कई विदेशी बेवसाइट का सहारा लेकर कोरोना की एक-एक चीज़ के बारे में जाना गया।  इसके बाद जब हमारे देश में इसकी सुगबुगाहट शुरु हुई तो हमने 5 मार्च को आयुष मंत्रालय में अपना प्रपोज़ल भेज दिया।  जब मंत्रालय से मंजूरी मिल गई तो इसके बाद आईसीएमआर में भेजा गया।  अच्छी बात यह है कि आईसीएमआर ने भी हमें दवा बनाने और उसके ट्रॉयल की मंजूरी दे दी।’ 

प्रिंसीपल प्रदीप गुप्ता का कहना है कि जिन दवाओं को लेकर हम काम कर रहे हैं वो पहले से ही होम्योपैथी में मौजूद हैं।  बस जरूरत इस बात की थी कि किस तरह से उन दवाओं को कोरोना पॉजिटिव केस को दिया जाए।  वहीं प्रदीप गुप्ता बताते हैं कि कोरोना की स्टडी करते वक्त हमने उसके जिन दो लक्षणों पर खास ध्यान दिया वो खांसी और बुखार थे। बुखार भी वो वाला नहीं है जो चीन और ईरान में लोगों को आया।  हमने सबसे पहले 30 मरीजों को दवाई दी है।  इलाज लगातार जारी है. पहले से तय खुराक देने के बाद अब इन मरीजों का लैब् में टेस्ट कराया जाएगा।  फिर उसकी रिपोर्ट आईसीएमआर को भेजी जाएगी।  नेमिनाथ कॉलेज देश का होम्योपैथी में पहला एमए-बीएड कॉलेज भी है।