भागलपुर। आपदा में अवसर बनाने में कुछ लोग पीछे नहीं हटते है। फिर उन्हें मतलब नहीं होता है कि कोई मर रहा है या फिर परेशानी झेल रहा है। दरअसल कोरोना का दौर जितना ही खौफनाक है लोग उतना ही इस अवसर का फायदा उठा रहे है। बात कर लेते है दवा दुकानदारों की जो इस आपदा को भी अवसर बनाने से पीछे नहीं हट रहें है। गौरतलब है कि आपदा के समय कुछ लोग तो सेवा भाव से लोगों की मदद करने में लगे हुए हैं, वहीं कुछ लोगों के लिए यह धन कमाने अवसर साबित हो रहा है।

दवा दुकानदार ही चिकित्सक बन लोगों की बीमारी का लक्षण सुन खुलेआम दवा बेच रहे हैं। शहर के तिलकामांझी सहित कई ऐसे दवा दुकानदार हैं जिनकी मानवीय संवेदना कोरोना महामारी में जाग उठी है और वह अपनी आमदनी के साथ सेवा भाव भी जोड़ दिए हैं। 10 से 15 फीसद तक दवा पर प्रकाशित मूल्य से कम कीमत ले रहे हैं। वहीं सबौर उच्च विद्यालय के पास एक प्रचलित दवा दुकान है, जिसमें सुबह 6:00 बजे से रात्रि 10:00 बजे तक ग्राहकों की लंबी कतार लगी रहती है। क्योंकि इस कोरोना काल में प्रत्येक घर में लोग बीमार हैं। 30 से 35 फीसद तक मुनाफा देने वाली दवा भी प्रकाशित मूल्य से एक पैसा ग्राहकों से कम नहीं किया जाता है।

दुकान में कैश मेमो देना तो दूर शारीरिक दूरी का भी पालन नहीं किया जा रहा है। कम तापमान में रखने वाली दवा भी खुले में रखी जाती है और ग्राहक को खुलेआम दी जाती है। बात जीवन रक्षक दवा की हो या जिदगी की टूटते डोर को तसल्ली देने के लिए कोरोना वायरस से सुरक्षित करने वाली ग्लब्स, मास्क, सैनिटाइजर आदि की हो, सबौर में आधा दर्जन से ज्यादा दवा की दुकान हैं। सभी प्रकार की दवा इसी दुकान में मिल जाती है। कोरोना काल में चिकित्सक मिलते नहीं हैं।

लोग दवा दुकानदार से ही अपनी समस्या बता कर बढि़या दवाई देने की बात कह कर दवा खरीदते हैं और दुकानदार चिकित्सक बन ग्राहकों को कम गुणवत्ता और ज्यादा मुनाफा वाली दवा बेच रहे हैं। लाचार और गरीब, जरुरतमंद ग्राहक इसी दवा दुकान पर दवा लेते हैं। दुकानदार दुकान में कई सहकर्मियों के सहयोग से आपदा की इस घड़ी में धन बटोरने में लगा है। सुब्रत कुमार सेन डीएम भागलपुर के अनुसार ऐसी दवा दुकानदारों को चिन्हित किया जा रहा है। सबौर सहित आसपास के क्षेत्र में सख्त कार्रवाई होगी।