- भ्रामक प्रचार करने पर आयुष मंत्रालय ने लगाई रोक
इंदौर। केंद्र सरकार के आयुष मंत्रालय ने प्राकृतिक चिकित्सा समेत आयुर्वेद, होम्योपैथी एवं यूनानी के भ्रामक विज्ञापनों पर तत्काल प्रभाव से रोक लगा दी है। आयुष मंत्रालय ने एडवरटाइजिंग स्टैंडर्ड काउंसिल ऑफ इंडिया (एएससीआई) से हाल ही में एक करार किया है। मंत्रालय का मानना है कि भ्रामक विज्ञापनों पर रोक से आयुष पैथियों की असली दवाओं पर लोगों का भरोसा बढ़ेगा, वहीं असली एवं असरकारक दवाएं ही जनता तक पहुंचेंगी। दर्शक एवं पाठक भ्रामक प्रचार सामने आने पर एएससीआई अथवा आयुष मंत्रालय में शिकायत कर सकेंगे। एएससीआई में प्राप्त शिकायतों और उन पर की गई कार्रवाई की रिपोर्ट हर महीने आयुष मंत्रालय को भेजी जाएगी। बदले में आयुष मंत्रालय 7.50 लाख रुपए सालाना भुगतान एएससीआई को करेगा। इस फैसले से आयुष जगत में खुशी है। आयुष की सभी दवाओं, उपचार और उससे संबंधित सेवाओं का कोई भी विज्ञापन आपत्तिजनक दावे कर भ्रमित करने वाले बयान देता पाया जाने पर केंद्रीय आयुष मंत्रालय एएससीआई की अनुशंसा पर कार्रवाई की जा सकेगी। आयुष मंत्रालय के सलाहकार (आयुर्वेद) डॉ. दिनेश चंद्र कटोच का कहना है कि आयुष पैथियों के अनुचित विज्ञापनों के प्रचार-प्रसार के चलते आयुष पर जनता का भरोसा कम न हो, इसीलिए यह कदम उठाया गया है।
आयुष पैथी का हित
आयुष मेडिकल एसोसिएशन के राष्ट्रीय प्रवक्ता डॉ. राकेश पांडेय का कहना है कि इस करार से जहां आयुष औषधियों की विश्वसनीयता बढ़ेगी, वहीं भ्रामक प्रचार पर रोक लगेगी। ऐसे समझौते अंतरराष्ट्रीय स्तर पर आयुष पैथी के हित में हैं।