जयपुर: निशुल्क योजना के नाम पर सप्लाई होने वाली सिरिंज बेहद घटिया होने की बात सामने आई है। सिरिंज का स्तर इतना घटिया है कि अस्पताल में मरीज को इंजेक्शन लगाते समय सुई टूटकर आधी शरीर में रह जाती है। चांदपोल स्थित जनाना समेत कई अस्पतालों से शिकायत मिलने के बाद आरएमएससी ने फार्मा उपकरण बनाने वाली कंपनी श्रेयांस हेल्थ केयर प्राइवेट लिमिटेड सिलोरा को कारण बताओ नोटिस दिया है। साथ ही उस बैच नंबर की सिरिंज सप्लाई रोक दी है। जिन अस्पतालों में सिरिंज पहुंच चुकी थी, उन्हें वापस मंगाया गया है। चिकित्सा मंत्री कालीचरण सराफ ने कहा कि निशुल्क योजना में घटिया उपकरण सप्लाई करना दंडनीय अपराध है। जांच करवाई जाएगी, दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा।

अधिकारियों के मुताबिक, सिरिंज की केवल संक्रमण जांच होती है। निडल की जांच नहीं कराई जाती। ब्यूरो ऑफ इंडियन स्टैंडर्ड के अंतर्गत सिरिंज के साथ निडल की पैरामीटर जांच के बाद ही इस्तेमाल होनी चाहिए। पैरामीटर में सेनिटेशन यानी छेद की क्षमता, जंग लगना, टूटने की क्षमता तथा छेद खुला है या बंद आदि शामिल है। अगस्त माह में चांदपोल स्थित जनाना अस्पताल से निर्माता कंपनी सिलोरा की श्रेयांस हैल्थ केयर प्राइवेट लिमिटेड की सीरिंज गड़बड़ी की शिकायत मिली थी। शिकायत मिलने पर अधिकारियों ने (बैच नंबर एसवाई 51745, निर्माण तिथि अप्रैल-2017 एक्सपायरी डेट अप्रैल-2020) पर रोक लगा दी।