फतेहाबाद। जब इंसान जिंदगी और मौत से जूझ रहा होता है तो उसके लिए डॉक्टर ही भगवान होता है। डॉक्टर ही उसे दूसरी जिंदगी दे सकता है। लेकिन फतेहाबाद से ऐसा मामला सामने आया था जिसने सबको झकझोर कर रख दिया था । दरअसल एक लड़की जो इस उम्मीद से अस्पताल आई थी कि डॉक्टर उसे नई जिंदगी देंगे। उस डॉक्टर ने ही उसे जिंदगी भर न भूलने देने वाला गम दे दिया।

अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश व फास्ट ट्रैक कोर्ट के जज बलवंत सिंह की अदालत ने 26 अगस्त को दुष्कर्म मामले में डा. जिम्मी जिंदल को दोषी करार दिया था। अदालत ने आरोपित को आइपीसी की धारा 376(सी) के तहत दोषी करार दिया था। अदालत आज यानि 31 अगस्त को सजा सुनाएंगी। जिस पर शहरवासियों की नजर टिकी हुई है। शहर में यह मामला चर्चित रहा था। जिम्मी जिंदल को दोषी करार देने के बाद उसे हिसार जेल भेज दिया गया था। ऐसे में जिम्मी जिंदल के स्वजन भी इस फैसले का इंतजार कर रहे है। इस मामले में 28 अक्टूबर 2017 को महिला पुलिस थाना में एक युवती की शिकायत पर मामला दर्ज किया था।

गौरतलब है कि डा. जिम्मी जिंदल का सिरसा रोड पर निजी अस्पताल था। 28 अक्टूबर 2017 की दोपहर को कुछ लोग डा. जिम्मी जिंदल के अस्पताल पहुंचे और अस्पताल में तोड़फोड़ शुरू कर दी। डाक्टर को पीटते हुए बाहर ले आए। उसके कपड़े फाड़ दिए गए और मुंह पर कालिख पोत दी गई। मारपीट करने वालों का आरोप था कि डाक्टर ने उसके पास इलाज के लिए आई एक छात्रा के साथ छेड़खानी की है। उसे पीटते हुए पैदल ही शहर थाने में ले आए। युवती की मां को कहा कि युवती के बुखार दिमाग में चढ़ गया है। इसलिए सलाह दी गई कि मनोरोग विशेषज्ञ को दिखाएं। इसलिए उसकी मां उसे डा. जिम्मी जिंदल के पास ले गई।

मामले में दोषी डा. जिम्मी जिंदल ने इलाज के लिए आई युवती को नशा देकर अस्पताल में रख लिया और उसकी मां को बहला-फुसलाकर घर भेज दिया। इसके बाद डाक्टर युवती को अपने घर ले गया। जहां डाक्टर ने युवती के साथ अश्लील हरकतें की। शाम को युवती को वापस ले आया और यहां से उसका भाई ले गया। रात भर युवती रोती रही। सुबह उसने परिवार के लोगों को जानकारी दी। इसी पर उसके परिवाजन भड़के थे। पीडि़ता ने बताया कि उसके साथ सिर्फ छेड़छाड़ नहीं, बल्कि दुष्कर्म हुआ है। इसके बाद पुलिस ने इस मामले में दुष्कर्म की धारा जोड़ दी थी।