जींद। हरियाणा के जींद जिले में सामान्य अस्पताल में लाखों की मशीने यूं बेसूद पड़ी है। लेकिन उनका उपयोग जरुरत मंदो के लिए नहीं हो पा रहा है। इसके पीछे सबसे बड़ा कारण नेत्र विशेषज्ञों की कमी बताई जा रही है। बता दें कि जींद जिला मुख्यालय के सामान्य अस्पताल में आंखों के ऑपरेशन थियेटर में रखी आधुनिक लाखों रुपये कीमत की मशीनें नेत्र विशेषज्ञ के अभाव में धूल फेंक रही है।

दवाइयां तो स्टाफ दे देता है लेकिन मोतिया बिंद जैसे साधारण ऑपरेशन यहां पर नहीं हो पा रहे हैं। जिसके चलते बुजुर्गों तथा आंखों की बीमारी का इलाज करवाने वाले लोगों को विशेषज्ञ के अभाव में रोहतक, खानपुर या अग्रोहा का सफर करना पड़ता है। या फिर निजी अस्पतालों में मंहगा इलाज करवाना पड़ रहा है। वह भी जब डीसी खुद ब्लाइंडनेस कंट्रोल सोसायटी के अध्यक्ष है। बावजूद इसके मुख्यालय के सामान्य अस्पताल में आंखों के इलाज से संबंधित कोई कदम नहीं उठाया जा रहा है।

बता दें कि सामान्य अस्पताल में नेत्र ऑपरेशन थियेटर व अन्य साजो सामान होने के बाद भी मोतिया बिंद व आंखों से संबंधित अन्य ऑपरेशन के लिए जिले के लोगों को निजी अस्पताल में मंहगा इलाज करवाने को मजबूर होना पड़ रहा है। हर रोज बुजुर्ग आंखों से संबंधित समस्या को लेकर सामान्य अस्पताल तो पहुंच रहे है लेकिन उनको दवाइयां देकर बाहर का रास्ता दिखा दिया जाता है। अगर सामान्य अस्पताल में नेत्र विशेषज्ञ की नियुक्ति हो जाती है तो बुजुर्गों को परेशानी से बचाया जा सकता है। दरअसल सामान्य अस्पताल में आंखों के ऑपरेशन के लिए थियेटर है।

विशेषज्ञों के अभाव के चलते पिछले दो साल से ऑपरेशन नहीं हो रहे हैं। पूर्व में सामान्य अस्पताल में हर मंगलवार को 12 से 15 तक आंखों के ऑपरेशन होते थे। ऑपरेशन थियेटर में आधुनिक लाखों रुपये कीमत की फेको मशीन, माइक्रो स्कॉप, ए स्कैन समेत सभी सुविधाएं मौजूद है। जिनका उपयोग नहीं हो पा रहा है। मशीनें पिछले दो साल से धूल फांक रही है।