महराजगंज। एक्सपायर दवाएं की डेट बदल कर सप्लाई करने का मामला उजागर हुआ था जिसको लेकर अब नए -नए खुलासे हो रहें है। बता दें कि स्टेट जीएसटी की विशेष अनुसंधान शाखा (एसआइवी) के दवा बरामदगी प्रकरण की जांच से जुड़ने के बाद इस मामले में अब कई राज खुल रहे हैं। पैसे की लालच में ड्रग माफिया गोविद लोगों की जान से खेल रहा था। उसके पास से बड़ी मात्रा में एक्सपायर दवाएं बरामद हुई हैं। ड्रग माफिया एक्सपायर दवाओं पर लिखी तिथि व मूल्य मिटाकर अपना रैपर चिपकाता था। उसकी इस करतूत से नेपाल में बड़ी संख्या में लोग प्रभावित हुए हैं।
भारत में दवा बरामदगी की सूचना के बाद नेपाल प्रशासन अलर्ट है। दवा की दुकानों की जांच के साथ ही ड्रग माफिया के मददगारों की तलाश शुरू हो गई है। स्टेट जीएसटी के विशेष अनुसंधान शाखा के डिप्टी कमिश्नर श्यामनरायन यादव के नेतृत्व में टीम ड्रग माफिया की करतूतों को उजागर करने में लगी है। जांच में बरामद कोडिन सिरप, डायजेपाम, ट्रामाडाल, निट्राजेपाम आदि दवाओं के एक्सपायर मिलने के बाद उसके खिलाफ दर्ज मुकदमे में धारा भी बढ़ाई जाएगी।
ड्रग माफिया के जमुई कला स्थित गोदाम से दवाओं की बरामदगी के बाद पुलिस ने आरोपित के खिलाफ गंभीर धाराओं में ठूठीबारी कोतवाली में मुकदमा दर्ज किया था। खाद्य सुरक्षा व औषधि प्रशासन विभाग एक और मुकदमा दर्ज कराने की तैयारी में है। ड्रग इंस्पेक्टर शिवकुमार नायक ने बताया कि ड्रग एंड कास्मेटिक एक्ट के अन्तर्गत मुकदमा दर्ज कराया जाएगा। अब तक ई-वे बिल से ड्रग माफिया ने 21 लाख रुपये की दवा खरीदारी दिखाई है। सभी दवाएं सिसवा की दो दुकानों व गोरखपुर की एक दुकान से खरीदी गई हैं। इन तीनों दवा कारोबारियों को भी नोटिस दी जाएगी।
मेडिकल दुकानों की जियो टैगिग कराने की तैयारी
भारत-नेपाल सीमा क्षेत्र में चल रहे दवाओं के अवैध धंधे का भंडाफोड़ होने के बाद अब खाद्य सुरक्षा व औषधि प्रशासन विभाग दवा की दुकानों की जियो टैगिग कराने की तैयारी में है। जियो टैगिग होने से जिस स्थान के लिए दवा का लाइसेंस निर्गत किया गया है, वहां की पूरी गतिविधियों की जानकारी मिलती रहेगी। सीमा क्षेत्र में 650 दुकानों को फुटकर व होलसेल व्यापार का लाइसेंस ड्रग विभाग ने दिया है। कौन दुकानदार कितनी दवाएं मंगाकर बेच रहा है , इसकी जानकारी के लिए विभाग अब तकनीक का सहारा लेगा। पूरे मामले की जांच की जा रही है। बरामद दवाओं के आधार पर जीएसटी का निर्धारण होगा। कानूनी प्रक्रिया के तहत बरामद दवाओं को अपने अधीन लेकर वाणिज्य कर की टीम जांच करेगी।
डिप्टी कमिश्नर एसआइवी-श्यामनरायन यादव का कहना है कि ड्रग माफिया के विरुद्ध कार्रवाई के लिए पुलिस टीम लगी है। फरार मुख्य आरोपित के गिरफ्तारी के लिए निर्देश दिए गए हैं। शीघ्र ही उसकी गिरफ्तारी होगी। यह बातें पुलिस उप महानिरीक्षक (डीआइजी) परिक्षेत्र गोरखपुर जे. रविद्र गौड़ ने पुलिस लाइन में आयोजित प्रेसवार्ता के दौरान पूछे गए सवालों के जवाब में कही। उन्होंने कहा कि कानून के साथ खिलवाड़ बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। बार्डर पर तस्करी रोकने के लिए कड़े निर्देश दिए गए हैं। मुख्य आरोपित की गिरफ्तार के लिए क्राइम ब्रांच को लगाया गया है। एसआइटी भी पूरे मामले की जांच कर रही है। जिला प्रशासन द्वारा भी प्रत्येक बिदु पर कार्रवाई की जा रही है। मुख्य आरोपित की गिरफ्तारी के लिए दबिश की कार्रवाई चल रही है। उसके नेटवर्क को खंगाला जा रहा है। जो भी इसमें लिप्त होगा, उसके विरुद्ध कार्रवाई होगी। अभियान चलाकर भारत-नेपाल सीमावर्ती क्षेत्रों में दवा की दुकानों की भी जांच हो रही है।