देहरादून। कोरोना संक्रमण की नई आहट ने कोरोना से बचाव और रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने में इस्तेमाल होने वाली खास दवाओं की खपत बढ़ा दी है। सिर्फ देहरादून जिले में ही पिछले एक सप्ताह में ही बाजार में इन दवाओं की थोक बिक्री लगभग 40 प्रतिशत बढ़ी है, जिनमें निजी अस्पतालों और दवा की दुकानों पर बिकने वाला आंकड़ा भी शामिल है। इसके अलावा सरकारी अस्पतालों में भी इन दवाओं की खपत बढ़ गई है। दरअसल अध्यक्ष दून होलसेल केमिस्ट एसोसिएशन- मनीष नंदा ने बताया कि कोरोना का टीका आने पर लोग इससे बचाव के नियमों के प्रति लापरवाही बरतने लगे थे। अब भी बाजारों में सामाजिक दूरी और मास्क पहनने जैसे नियमों का ठीक से पालन नहीं हो रहा है।

वहीं, कोरोना संक्रमण का प्रसार फिर बढ़ने से लोग अब चिंतित हो रहे हैं। कोरोना काल में जिन दवाओं की खपत बढ़ी थी, उनकी बिक्री 40 प्रतिशत तक बढ़ गई है। जिलाधिकारी डॉ. आशीष श्रीवास्तव ने शुक्रवार को वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये बैठक लेकर मुख्य चिकित्सा अधिकारी को निर्देश दिए थे कि खासकर जिले की सीमाओं पर आने वाले लोगों के सैंपल लेने में तेजी लाएं। सभी तरह की दवाओं के लिए बजट का अलग से प्रावधान किया गया है। कुछ खास दवाओं की खपत बढ़ने की बात सामने आई है। इस संबंध में शनिवार को चिकित्सा अधिकारियों से वस्तुस्थिति की जानकारी लेकर जरूरी दिशा-निर्देश जारी किए जाएंगे।

दवाओं की कमी नहीं होने दी जाएगी। प्राचार्य राजकीय दून मेडिकल कॉलेज- डॉ. आशुतोष सयाना के मुताबिक पूर्व में दून मेडिकल अस्पताल को पूरी तरह से कोविड अस्पताल के रूप में समर्पित किया गया था। अब सामान्य मरीज भी अस्पताल में भर्ती होने लगे थे। संक्रमण के बढ़ते मामलों को देखते हुए व्यवस्थाओं को लेकर अस्पताल और कोविड जांच प्रयोगशाला से संबंधित सभी अधिकारियों को जरूरी दिशा-निर्देश दे दिए गए हैं। जिन दवाओं की खपत बढ़ रही है, उन्हें जरूरत के हिसाब से मंगाने के लिए बजट की व्यवस्था है। कोरोना काल में बुखार, पेट में कीड़े मारने, मलेरिया की दवा व एंटीबायोटिक के अलावा रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने वाली दवाओं का डॉक्टरों की सलाह पर लोगों ने खूब इस्तेमाल किया।

कोई व्यक्ति इन दवाओं का अधिक या गलत तरीके से इस्तेमाल न करे, इसके लिए बाकायदा प्रशासन ने बिना डॉक्टर के पर्चे के इन दवाओं की खुदरा बिक्री पर रोक लगा दी थी। देश के विभिन्न राज्यों समेत देहरादून में भी फिर तेजी से बढ़ रहे कोरोना संक्रमण के प्रसार ने लोगों की चिंता बढ़ा दी है। एक बड़ी आबादी को अभी कोरोना का टीका नहीं लग पाया है। इसके चलते कोरोना से मिलते-जुलते लक्षण होने पर लोग कोरोना की संभावना के मद्देनजर अस्पतालों में पहुंच रहे हैं। जिस पर डॉक्टर मरीजों को बुखार, एंटीबायोटिक और रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ने वाले दवाएं लिख रहे हैं। ऐसे में इन दवाओं की खपत बढ़ गई है।