नई दिल्ली। वैज्ञानिक एवं औद्यौगिक अनुसंधान परिषद (सीएसआईआर) की दवा एमडब्ल्यू कोरोना के इलाज के साथ-साथ बचाव में भी लाभाकरी साबित हो सकती है। इस दवा के फेज-2 क्लीनिकल ट्रायल सफल रहने के बाद फेज-3 इसके परीक्षण उपचार के साथ-साथ बचाव की दवा के रूप में भी किए जाएंगे। यदि यह सफल रहते हैं तो एम डब्ल्यूए पहली ऐसी दवा होगी जो बीमारी से बचाएगी भी और बीमारी हो जाने पर उपचार भी करेगी। बता दें कि सीएसआईआर की यह पुरानी दवा मूलत: कुष्ठ रोग के खिलाफ बनाई गई थी। इसे कोरोना के लिए रिपर्पज किया गया। एम्स, पीजीआई चंडीगढ़ समेत कई केंद्रों पर इसके कोरोना रोगियों पर दूसरे चरण के परीक्षण अब पूरे होने को हैं। सीएसआईआर के जम्मू स्थित प्रयोगशाला इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ इंटीग्रेटिव मेडिसिन के निदेशक डॉ. राम विश्वकर्मा ने बताया कि दवा नियंत्रक से तीसरे चरण के परीक्षण की मंजूरी मिल चुकी है तथा अगले महीने इन्हें देश के विभिन्न शहरों में 15-20 अस्पतालों में शुरू किया जाएगा। उन्होंने कहा कि दूसरे चरण परीक्षण अच्छे रहे हैं। अब तीसरे चरण में दो प्रकार के परीक्षण किए जाएंगे। एक स्वस्थ रोगियों पर तथा दूसरे कोरोना रोगियों पर। दो समूहों में कुल 1100 लोगों पर तीसरे चरण के परीक्षण किए जाएंगे। तीसरे चरण में यह भी देखा जाएगा कि यह दवा कोरोना से बचाव में कितनी कारगर है। साथ में ज्यादा संख्या कोरोना मरीजों पर भी इसका परीक्षण करके इसकी प्रभावकारिता देखी जाएगी।