जयपुर। प्रदेश के चर्चित राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन (एनआरएचएम) घोटाले में भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) की स्पेशल यूनिट ने पांच आरोपियों को गिरफ्तार किया है। इसमें रिटायर्ड स्वास्थ्य निदेशक डॉ. बीआर मीणा समेत चिकित्सा एवं स्वास्थ्य सेवा विभाग के तीन सेवानिवृत्त अधिकारी भी शामिल है। एसीबी ने पांचों आरोपियों को कोर्ट में पेश किया। जहां से चार आरोपियों को न्यायिक अभिरक्षा में जयपुर जेल भेज दिया, वहीं एक आरोपी दीक्षित कम्प्यूटर्स के संचालक सुनील दीक्षित को रिमांड पर लिया है।
एसीबी अधिकारियों ने बताया कि डॉ. बीआर मीणा वर्तमान में एक निजी यूनिवर्सिटी में वाइस चांसलर है। इसके अलावा राजेंद्र शर्मा, स्वास्थ्य निदेशालय में सांख्यिकी अधिकारी, बुद्धिप्रकाश एनएचएम में सहायक लेखाधिकारी थे। ये तीनों आरोपी चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग से सेवानिवृत्त हो चुके हैं, जबकि चौथा आरोपी नीरज जायसवाल और पांचवां आरोपी सुनील दीक्षित है।
गौरतलब है कि चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग में वर्ष 2014-15 में मेंटल हेल्थ कार्यक्रम के तहत 6 जिलों में 7 पदों के लिए संविदा कर्मियों की भर्ती की जानी थी। इसमें तत्कालीन हेल्थ डायरेक्टर डॉ. बीआर मीणा, सांख्यिकी अधिकारी राजेंद्र शर्मा और सहायक लेखाधिकारी बुद्धिप्रकाश एजेंसी चयन समिति में थे। आरोप है कि इन तीनों अधिकारियों ने सुनीत दीक्षित की एजेंसी को पास किया। इस एजेंसी द्वारा चयनित अभ्यर्थियों के फर्जी प्रमाण पत्र दिए गए थे।