अम्बाला (बृजेन्द्र मल्होत्रा)। प्रदेश में अब पुलिस और एफडीए मिलकर नशा तस्करों पर सर्जिकल स्ट्राइक करेंगे। हरियाणा में नशे का नेटवर्क तोडऩे के लिए गृह मंत्रालय और एफड़ीए जल्द ही संयुक्त अभियान शुरू कर सकते हैं। इस बात के संकेत गृह मंत्री अनिल विज की पुलिस अधिकारियों के साथ बीते दिनों हुई बैठक में मिले हैं। सूत्रों का कहना है कि पहले यह पता लगाने का प्रयास किया जा रहा है कि किस जिले में किस तरह का नशा बिकता है। यह भी पता लगाया जाएगा कि यह नशा कहां से आता है और नशे के बड़े सौदागर कौन हैं। किस दूसरे राज्य में नशे की जड़ें फैली हैं और किस उम्र के लोगों को नशा तस्कर सबसे अधिक टारगेट करते हैं। पूरी लिस्ट तैयार कर गृह मंत्री को सौंपी जाएगी। इसके बाद नशा तस्करों पर सर्जिकल स्ट्राइक की जाएगी। सूत्रों का यह भी कहना है कि नशे को जड़ से खत्म करने के अभियान में गांव हो या फिर शहर, जहां से भी नशे की खेप युवाओं तक पहुंचती है, उसी जगह को टारगेट किया जाएगा। इसके लिए जल्द ही पुलिस और एफडीए विभाग की ज्वाइंट बैठक भी गृह एवं स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज ले सकते हैं। दरअसल, दोनों ही विभाग उनके पास हैं और संयुक्त टीमें बनाकर नशे के नेटवर्क तोडऩे की तैयारी की गई है।
नशे से निपटने के लिए जब अलग-अलग इलाकों का चयन हो जाएगा, तो वहां की पंचायत, शिक्षा जगत से जुड़े लोगों और समाज सेवी संस्थाओं को साथ लेकर जागरूकता अभियान चलाया जाएगा प्रक्रिया कुछ लम्बी अवश्य है परन्तु परिणाम अवश्य सार्थक मिलेंगे। अभिभावकों को बताया जाएगा कि किस तरह से वे अपनेे बच्चों को नशे से दूर रख सकते हैं। गांव, कस्बा या शहर में जो भी नशे का तस्कर है, उसकी सूचना तुरंत दी जाए तो कई परिवारों को उजडऩे से बचाया जा सकता है। यही नहीं, नशे को लेकर उत्तरी भारत के पांच राज्यों की बैठक चंडीगढ़ में दो बार हो चुकी है। पंचकूला में इसके लिए कंट्रोल रूम बनाया गया है। ताकि नशे के तस्करों पर पांचों राज्य एकजुट होकर कार्रवाई कर सकें। नशे को जड़ से समाप्त करने के लिए रणनीति बनाई जा रही है। जल्द ही इस संदर्भ में बैठक होगी। इसमें बड़ा निर्णय लिया जाएगा। युवाओं को जागरूक किया जाएगा ताकि वे नशे की गिरफ्त में जाने से बच सकें। पुलिस और एफडीए (हेल्थ डिपार्टमेंट) के अलावा अन्य विभागों को भी साथ लेकर नशे के खिलाफ अभियान चलाया जाएगा।