होशंगाबाद। जिला सरकारी अस्पताल में चार महीने पहले खरीदी गई एसीडिटी की पांच हजार गोलियां लैब जांच में अमानक पाई गई हैं। अब इन्हें कंपनी को वापस भेजा जा रहा है। अस्पताल प्रबंधन का कहना है कि यह दवा नकली नहीं हैं, बल्कि बहुत कम असरकारक हैं। इन्हें देने के बाद रोगियों को आराम नहीं लगेगा। इस कारण वापस किया जा रहा है। यह उन मरीजों को दी जाती है जिन्हें एसिडिटी की वजह से पेट के ऊपरी हिस्से में जलन और सीने में दर्द की शिकायत होती है। अस्पताल के सूत्रों ने बताया कि जिला अस्पताल स्तर पर एसिडीटी की दवा (रेनिटिडिन 150 एमजी) की पांच हजार गोलियां खरीदी गई थी। यह गोलियां तय कंपनी से ही ली गई थी। इसके बाद इनके सैंपल जांच के लिए लैब भेजे गए। जांच रिपोर्ट में यह अमानक स्तर की पाई गई।

इस कारण सभी दवा लौटाई जा रही हैं। इनकी जांच देवेश टेस्टिंग एंड रिसर्च लैबोटरी प्राइवेट लिमिटेड से कराई गई। रिपोर्ट आने के बाद दवा को वितरण केंद्र से वापस बुला लिया गया। यह दवा बैच क्रमांक आरएसएच1709 की है, जिसकी एक्सपायरी डेट 11/2019 थी। इस दवा के करीब 5 हजार गोलियों के स्टॉक को कंपनी को वापस करने की तैयारियां की जा रही है। सूत्र बताते हैं कि कुछ दवा वितरित भी की जा चुकी है। हालांकि अस्पताल प्रबंधन उससे इनकार कर रहा है।

सीएस डॉ. सुधीर डेहरिया ने बताया कि रेनिटिडिन का वितरण दवा वितरण केंद्र से रिपोर्ट आने के तुरंत बाद रोक दिया था। अभी दवा को कंपनी को वापस करने की प्रोसेस चल रही है। उच्चाधिकारियों को भी इसकी जानकारी दे दी है। जिला अस्पताल में मिलने वाली बीपी की दवा भी संदेह के दायरे में है। सूत्रों के अनुसार जिला अस्पताल में अभी जो दवा बीपी कम करने के लिए दी जा रही है, उसका असर मरीजों पर नहीं हो रहा है। ऐसे में केवल रेनिटिडिन ही नहीं, कुछ अन्य दवाएं भी जांच में कराई जाए तो अमानक निकल सकती हैं।