रायपुर: राज्य के सभी सरकारी मेडिकल, डेंटल, नर्सिंग और फिजियोथैरेपी कॉलेजों को स्वशासी करने की तैयारी शुरू हो गई है। सभी कॉलेज चिकित्सा शिक्षा विभाग से जुड़े हैं। स्वशासी होने के बाद इन कॉलेजों को आय का जरिया खुद पैदा करना होगा। उस आय से कॉलेज का संचालन होगा। कॉलेजों का संचालन स्वशासी सिस्टम से होने के बाद डाक्टरों और नर्सों सहित अन्य स्टाफ के तबादले ही नहीं होंगे। शासन की ओर से इस बारे में मेडिकल कॉलेजों के डीन प्राचार्यों की राय मांगी गई थी। डीन और प्राचार्यों ने अपनी राय दे दी है। सलाह को शासन के पास भेजा गया है। जल्द निर्णय की संभावना है। स्वशासी के बाद कॉलेजों में बड़े बदलाव हो सकते हैं। चिकित्सा शिक्षा विभाग मेडिकल, डेंटल, नर्सिंग फिजियोथैरेपी कॉलेजों को स्वशासी करने पर सालभर से विचार कर रहा है।

कॉलेजों के स्वशासी होने के बाद डॉक्टरों को तबादले की चिंता दूर हो जाएगी। डॉक्टर जहां ज्वाइन करेंगे, वहीं से रिटायर होंगे। यही नहीं कॉलेजों में जरूरत से ज्यादा डॉक्टर या फैकल्टी मेंबर भी हो सकते हैं। एम्स उच्च शिक्षा संस्थान में इस तरह का नियम है। अभी राज्य में छह सरकारी मेडिकल कॉलेज होने से डॉक्टरों अन्य स्टाफ को ट्रांसफर का भय रहता है।