नई दिल्ली। ओटीसी दवाइयां बिना लाइसेंस बेचने की अनुमति देना जोखिम भरा साबित हो सकता है। यह कहना है ऑल इंडिया ऑर्गनाइजेशन ऑफ केमिस्ट्स एंड ड्रगिस्ट्स (AIOCD) का। एआईओसीडी ने देश में बिना लाइसेंस के ओवर-द-काउंटर (ओटीसी) दवाओं की बिक्री की अनुमति देने के केंद्र सरकार के प्रस्ताव पर चिंता जताई है।

इसे लेकर स्वास्थ्य मंत्री, औषधि महानियंत्रक, स्वास्थ्य सेवाओं के महानिदेशक, राष्ट्रीय औषधि मूल्य निर्धारण प्राधिकरण के अध्यक्ष व अन्य संबंधित अधिकारियों को ज्ञापन भी सौंपा है।

एआईओसीडी के अध्यक्ष, जेएस शिंदे और महासचिव, राजीव सिंघल का कहना है कि इस तरह का कदम मौजूदा दवा कानूनों, फार्मेसी विनियमों और प्रासंगिक कानूनी ढांचे का उल्लंघन करेगा। उचित विनियमन के बिना ओटीसी दवा बिक्री की अनुमति देने से गंभीर खतरे पैदा होते हैं।

ज्ञापन के माध्यम से जोखिमों की ओर ध्यान दिलाया

उन्होंने ज्ञापन के माध्यम से निम्न जोखिमों की ओर ध्यान दिलाया है। इनमें खतरनाक स्व-चिकित्सा और नशीली दवाओं का दुरुपयोग, फार्मासिस्ट परामर्श सेवाओं का अभाव, प्रतिकूल दवा प्रतिक्रियाओं का बढ़ता जोखिम, नकली दवाओं का प्रसार , स्वास्थ्य सेवाओं तक पहुंच में देरी , दवा की अधिक मात्रा के कारण बीमारियों की अधिक घटनाएं, दवा भंडारण के मानकों से समझौता, अपर्याप्त फार्माकोविजिलेंस उपाय
आदि प्रमुख हैं।

एसोसिएशन ने सरकार से इस प्रस्ताव के बहुआयामी निहितार्थों पर विचार करने का आग्रह किया है। बताया गया है कि किराने की दुकानों में दवाओं की अनियमित उपलब्धता समाज के सर्वोत्तम हितों की पूर्ति नहीं करती है।