लखनऊ। उत्तर प्रदेश में फार्मास्यूटिकल उद्योग नीति पर अमल अब खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन विभाग (एफडीए) कराएगा। यह विभाग नीति से संबंधित नियमावली भी बनाएगा। बता दें कि अभी यह काम औद्योगिक विकास विभाग के जिम्मे है। इससे संबंधित नीति में कुछ बदलाव होंगे। मुख्यमंत्री की सहमति मिलने के बाद नीति में संशोधन का प्रस्ताव तैयार कर कैबिनेट से पास कराया जाएगा। इस संबंध में हाल में औद्योगिक विकास आयुक्त की अध्यक्षता में यह निर्णय लिया गया। औद्योगिक विकास विभाग का कहना है कि इस सेक्टर के ज्ञान और तकनीकी विशेषज्ञता के अभाव के कारण नियम बनाना कठिन है। चूंकि एफडीए ने यह नीति अधिसूचित की है। उसे ही इस सेक्टर का पर्याप्त ज्ञान है। वह लाइसेंस देने के कारण निवेशकों के संपर्क में रहता है। ऐसे में नीति पर अमल के लिए नियम बनाने का काम उसे ही करना चाहिए। कर्नाटक में यह काम एफडीए ही कर रहा है। अब यह विभाग एक कार्यदायी संस्था बनाएगा। नीति के तहत एक फार्मा सेल का गठन प्रमुख सचिव खाद्य एवं सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन की अध्यक्षता में होगा। नीति में कार्यान्वयन इकाई को सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यमों और वृहद श्रेणियों को स्वीकृति प्रदान करने का काम आईडीसी की अध्यक्षता में करने का प्रावधान बरकरार रखा जाएगा। अब नीति में इन बदलावों के प्रस्तावों को मुख्यमंत्री के सामने रखा जाएगा। इसके बाद नीति में संशोधन का प्रस्ताव कैबिनेट से पास कराया जाएगा।