बलिया : प्रधानमंत्री मोदी ने मरीजों के लिए जनऔषधि केंद्र की शुरुआत की। ताकि लोगों को सस्ती दवाएं उपलब्ध हो सकें।
दवाओं के दामों में काफी फर्क: प्रधानमंत्री जनऔषधि केंद्र में लगभग सात सौ प्रकार की दवाओं के दामों में अंतर है।
फार्मासिस्ट व कई मरीजों के अनुसार डाक्टर दवाओं के नाम बदल देते हैं जो बाहर मिलती हैं। दवा वापस करने के लिए बनाते हैं दबाव : जिला अस्पताल स्थित जन औषधि केन्द्र पर 505 तरह की दवाएं उपलब्ध हैं।
शुरुआत में जन औषधी केंद्र कई जगहों पर स्थापित किए गए, लेकिन धीरे धीरे इसे बंद किया जाने लगा। यहां दो साल पहले जिला अस्पताल, महिला अस्पताल, रसड़ा स्वास्थ्य केंद्र, तिखमपुर, सहतवार व सिकंदरपुर में प्रधानमंत्री जनऔषधि केंद्र खोले गए थे। इसमें जिला महिला व पुरुष अस्पताल में इस केंद्र का संचालन हो रहा है बाकी बंद पड़े हैं।
अस्पताल में 20 ओपीडी चलती है। लगभग एक हजार मरीजों में आठ-दस पर्चा प्रतिदिन आता है। अस्पताल के एक फार्मासिस्ट ने बताया कि कई चिकित्सक दवा देने के बाद मरीज पर वापस करने का दबाव बनाते हैं। लिखकर मांगने पर वह नहीं देते हैं। उच्चाधिकारियों से शिकायत करने के बावजूद असर नहीं पड़ता।