झांसी। औषधि प्रशासन विभाग ने बड़ी कार्रवाई करते हुए गल्ला मंडी मार्ग पर स्थित किराना की दुकान से प्रतिबंधित ऑक्सीटोसिन को बिकते हुए पकड़ा। टीम ने दुकान से 7600 इंजेक्शन जब्त कर लिए हैं। विभाग ने जांच के लिए नमूने को प्रयोगशाला भेज दिया है। रिपोर्ट आते ही दुकानदार के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया जाएगा। खाद्य विभाग की टीम ने खाद्य पदार्थों के भी नमूने भरे। खाद्य सुरक्षा अधिकारियों की टीम ने बड़ागांव गेट बाहर स्थित डिमार्टमेंटल स्टोर से बेसन, बेकरी से नमकीन और पापड़ के सैंपल लिए। इन्हें जांच के लिए प्रयोगशाला भेज दिया गया है।

टीम में खाद्य सुरक्षा अधिकारी रविंद्र सिंह परमार, जितेंद्र सिंह, दिव्या त्रिपाठी, कपित गुप्ता मौजूद रहे। भैंस से दूध की हर बूंद निचोड़ने के लिए दूधिये प्रतिदिन उसे ऑक्सीटोसिन इंजेक्शन लगाते हैं। इस तकनीक से निकाला गया दूध सेहत के लिए खतरनाक होता है। नियमित रूप से ऐसे दूध का उपयोग करना बच्चों और महिलाओं के लिए सबसे खतरनाक होता है। यह दूध पीने से बच्चों का पाचन तंत्र खराब हो जाता है। आंखें भी कमजोर हो जाती हैं। महिलाओं में गर्भपात से लेकर स्तन कैंसर तक का खतरा होता है। गल्ला मंडी मार्ग पर प्रतिबंधित ऑक्सीटोसिन इंजेक्शन बिकने की सूचना औषधि प्रशासन विभाग को मिली थी। इस पर सहायक आयुक्त औषधि अतुल उपाध्याय के नेतृत्व में औषधि निरीक्षक उमेश कुमार भारती, खाद्य सुरक्षा अधिकारी आजाद कुमार, उपमा यादव, राजकुमार आदि ने छापा मारा।

इस दौरान एक युवक हाथ में कुछ लेकर भागता हुआ दिखा। इस पर टीम के सदस्य भी युवक के पीछे दौड़े और उसे दबोच लिया। डीआई ने बताया कि युवक के हाथ में प्रतिबंधित ऑक्सीटोसिन इंजेक्शन मिला। फिर टीम ने घर की तलाशी शुरू की तो अलमारी में बोरियों के नीचे ऑक्सीटोसिन इंजेक्शन का जखीरा मिल गया। बताया गया कि 7600 प्रतिबंधित ऑक्सीटोसिन इंजेक्शन बरामद हुए हैं। विक्रेता कोई भी अभिलेख और न ही वैध औषधि विक्रय लाइसेंस दिखा सका। ऐसे में सभी इंजेक्शन वेटनरी को फॉर्म 16 पर सीज करने के बाद जांच के लिए नमूना भी भेज दिया गया है। जांच रिपोर्ट आने के बाद वाद दायर किया जाएगा।