नई दिल्ली। डॉक्टरों के दवाओं का स्टॉक रखने और उन्हें बेचने पर केमिस्ट्स ने आपत्ति जताई है। उन्होंने सरकार से इस पर तुरंत रोक लगाने को कहा है। उनका कहना है कि डॉक्टरों को दवाएं बेचने का अधिकार दिए जाने से उनके कारोबार पर असर पड़ रहा है। ज्यादातर डॉक्टर अपने क्लिनिक से ही मरीजों को दवाएं दे देते हैं और लोग केमिस्ट की दुकानों तक नहीं पहुंच पाते। गौरतलब है कि सरकार ने ड्रग्स एंड कॉस्मेटिक्स एक्ट 1945 के तहत डॉक्टरों को दवाओं का स्टॉक रखने और उन्हें बेचने की इजाजत दी हुई है। केमिस्ट्स संघों ने केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय को लिखे एक पत्र में कहा है कि जब डॉक्टरों को यह इजाजत दी गई थी, तब फार्मेसी का नेटवर्क मजबूत नहीं था। अब ऐसी स्थिति नहीं है और न ही दवाओं को मिलाकर देने की जरूरत पड़ती है। उनका कहना है कि ऑनलाइन फार्मेसी के कारण भी केमिस्ट्स को नुकसान हो रहा है।