अम्बाला। हरियाणा स्टेट कैमिस्ट एंड ड्रगिस्ट एसोसिएशन एआईओसीडी से लिखित रूप में मान्यता प्राप्त है। वहीं, हरियाणा केमिस्ट एंड ड्रगिस्ट एसोसिएशन जो कि रजिस्टर्ड तो है परंतु एआईओसीडी से मान्यता प्राप्त नहीं है। इसके बावजूद इस एसोसिएशन के पदाधिकारी लेटर पैड पर स्वयं को एआईओसीडी से मान्यता प्राप्त लिख रहे हैं। इस बारे जब मेडिकेयर न्यूज संवाददाता ने हरियाणा केमिस्ट एंड ड्रगिस्ट एसोसिएशन के पदाधिकारियों से जानकारी चाही तो पदाधिकारियों ने बताया कि उनके पास ऐसा कोई मान्यता पत्र नहीं है परंतु वे रजिस्टर्ड संस्था के नाते सशक्त दावेदार हैं। जब इस बारे में एआईओसीडी के राष्ट्रीय महासचिव राजीव सिंघल से स्पष्टीकरण चाहा तो उन्होंने अचंभित होते हुए कहा कि हरियाणा केमिस्ट एंड ड्रगिस्ट एसोसिएशन के नाम से उनका कोई भी संबंध नहीं है। यदि वे स्वयं को राष्ट्रीय कार्यालय से मान्यता प्राप्त लिख रहे हैं तो सरासर गलत है।
शीघ्र ही एचसीडीए के लेटर पैड पर एआईओसीडी की मान्यता लिखे जाने पर माकूल जवाब दिया जाएगा ताकि दवा निर्माता कंपनियां किसी झांसे में ना आएं। एचपीडीए को तवज्जो ना दे सकें तथा हरियाणा स्टेट केमिस्ट एंड ड्रगिस्ट संगठन और मजबूत होकर कार्य करता रहे। राष्ट्रीय महासचिव सिंघल ने बताया कि उनका पहला लक्ष्य ई-फार्मेसी के विरुद्ध दवा विक्रेताओं को जागरूक करने के माध्यम से अधिक से अधिक लक्ष्य प्राप्त करना था। अब फार्मेसी के विरुद्ध अपना विरोध दर्ज करवाने की अवधि समाप्त हो चुकी है। देशभर के दवा व्यवसायियों ने इस मुहिम में बढ़-चढक़र भाग लिया। इसके लिए राष्ट्रीय संगठन दवा व्यवसायियों का आभार प्रकट करता है। अब उनका दूसरा लक्ष्य संगठन विरोधी कार्य करने वालों को संगठन हित की बात करने के लिए राजी करना है।