रोहतक। देश को टीबी मुक्त बनाने के अभियान में जिला कैमिस्ट एसोसिएशन अपना योगदान देगी। एसोसिएशन के प्रधान महेंद्र सिंह उर्फ रूबी चावला और महासचिव जोगेंद्र ने बताया कि जिलेभर के कैमिस्ट इसके लिए स्वास्थ्य विभाग के साथ मिलकर काम करेंगे और नियमों के मुताबिक सभी कार्य निष्पादित किए जाएंगे।
टीबी मरीजों की रिपोर्ट भी नियमानुसार विभाग को सौंपी जाएगी। गौरतलब है कि टीबी की बीमारी के खात्मे के लिए स्वास्थ्य मंत्रालय ने नया नियम लागू किया है। इसके तहत अब मेडिकल स्टोर के कैमिस्टों को भी टीबी के मरीजों का डाटा रखना होगा। मरीज का नाम, पता व मोबाइल नंबर के साथ ही उसका इलाज करने वाले डाक्टर, उसके हॉस्पिटल या क्लीनिक और दवाई की जानकारी रखनी होगी और इसकी रिपोर्ट स्वास्थ्य विभाग के नोडल अधिकारी को भेजनी होगी। अगर वह ऐसा नहीं करता है तो ऐसे केमिस्टों पर स्वास्थ्य विभाग द्वारा कार्रवाई हो सकती है। इसमें छह माह से दो साल तक के लिए जेल और जुर्माने का भी प्रावधान है।
इस संबंध में जिला टीबी अधिकारी डा. इंदु ने जिले के केमिस्टों की एक बैठक ली। बैठक के दौरान उन्होंने बताया कि टीबी को खत्म करने के लिए नई पॉलिसी बनाई गई है। इसके तहत टीबी के मरीज की जानकारी केमिस्ट को भी रखनी होगी और उसे नोडल अधिकारी व स्थानीय स्वास्थ्यकर्ता के साथ साझा करना होगा। मरीजों को हर माह 500 रुपये भी दिए जाएंगे। दुनिया के अन्य देशों की तुलना में भारत में सर्वाधिक प्रति वर्ष करीब 28 लाख मरीज टीबी के सामने आते हैं। इसे खत्म करने के लिए 2025 का लक्ष्य रखा गया है। डा. इंदु के मुताबिक टीबी से तभी मुक्ति मिल सकती है जब उसका सही और पूर्ण उपचार किया जाए। बीच में ही दवाई छोड़ देने पर टीबी खत्म नहीं होती है और खतरा बना रहता है व नई मुसीबतें पैदा हो जाती हैं।