नई दिल्ली। कोरोना वायरस से बचने के लिए दुनिया भर में नई -नई दवाइयों को लेकर लगातार शोध किए जा रहे है। अलग -अलग तरह के दावे भी किए जा रहें है। जैसे ही कोई नई दवा मार्केट में आती है तो लोगों की उम्मीदें बढ़ जाती है। ऐसा ही हुआ था जब कोरोना काल में कोरोना को मात देने के लिए आइवरमेक्टिन दवा बाजार में आई थी। गौरतलब है कि कोरोना वायरस की दूसरी लहर के दौरान भारत में एक दवा की चर्चा बहुत तेजी से हो रही थी, जिसके लिए बताया गया था कि यह कोरोना वायरस के असर को कम कर सकती है। इस दवा का नाम आइवरमेक्टिन था। अब अमेरिकन मेडिकल एसोसिएशन ने कोविड के इलाज में आइवरमेक्टिन के इस्तेमाल पर सख्त चेतावनी जारी करते हुए इसके इस्तेमाल पर ‘तत्काल रोक’ करने की बात कही है।
यूएस फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन (एफडीए) ने दवा को इंसानों और जानवरों के लिए सिर्फ आंतरिक और बाहरी परजीवियों के कारण होने वाले संक्रमणों के इलाज के लिए आइवरमेक्टिन के उपयोग को मंजूरी दी है, ना कि कोविड -19 के लिए। एएमए ने एक बयान में कहा कि वे पिछले कुछ महीनों में दवा के नुस्खे और वितरण में तेजी से वृद्धि की खबरों से चिंतित हैं।
हाल के एक स्टडी में पाया गया कि अमेरिका में आउट पेशेंट रिटेल फार्मेसियों से 8 जनवरी, 2021 तक आइवरमेक्टिन की लेन-देन के लिए 39,000 दवा के पर्चा प्राप्त किए, जबकि महामारी से पहले प्रति हफ्ते औसतन 3,600 पर्चे थे। एएमए ने इस बात पर जोर डाला कि आइवरमेक्टिन उतरने के कारण पूर्व-महामारी आधार रेखा से पांच गुना बढ़ गई है।
एसोसिएशन ने कहा कि इस तरह हम क्लिनिकल टेस्टिंग के बाहर कोविड -19 की रोकथाम और उपचार के लिए आइवरमेक्टिन के नुस्खे, वितरण और उपयोग को तत्काल समाप्त करने का आह्वान कर रहे हैं। एसोसिएशन ने डॉक्टर और फार्मासिस्टों से रोगियों को इसके खिलाफ चेतावनी देने की भी बात कही है।
अमेरिकी दवा नियामक ने हाल ही में स्पष्ट किया कि उन्होंने कोविड -19 रोगियों में आइवरमेक्टिन के उपयोग का समर्थन करने के लिए डेटा की समीक्षा नहीं की है, हालांकि कुछ प्रारंभिक शोध चल रहा है। कोविड -19 रोगियों में आइवरमेक्टिन के उपयोग के बारे में गलत सूचना के बारे में एफडीए ने चेतावनी दी कि अस्वीकृत उपयोग के लिए कोई भी दवा बहुत खतरनाक हो सकती है।