जापान के समुद्र तट पर खड़े पोत में कोरोना के चलते चौतरफा छींक और खांसी की गूंज से इसमें सवार 138 भारतीयों समेत अन्य देशों के नागरिकों की जान पर खतरा बढ़ गया है। डायमंड प्रिंसेस नामक नामक इस जहाज में दिन-प्रतिदिन संक्रमण बढ़ रहा है और अब तक 175 लोग संक्रमित हो चुके हैं।

प्रधानमंत्री मोदी से मदद की गुहार लगाने के बावजूद भारतीयों को अब तक जहाज से नहीं निकाला जा सका है। डीएमके अध्यक्ष एमके स्टालिन ने केंद्र से लोगों को बचाने की मांग की है।

उधर, ब्रिटिश यात्री सैली एबेल ने फेसबुक पर एक दिल दहलाने वाला वीडियो पोस्ट करके कहा कि कोई भी बाहर बॉलकनी में बैठकर सुन सकता है कि जहाज में हर तरफ लोगों की छींक और खांसी गूंज रही है। यार्डले वोंग ने ट्वीट किया- संक्रमण के नए मामलों ने चिंता बढ़ा दी है, क्या पता अगला नंबर मेरा या मेरे परिवार का ही हो।

याकोहामा के पास इस पोत को तीन फरवरी से घेरकर अलग-थलग रखा गया है। पिछले महीने इस पोत से हांगकांग में उतरे कुछ लोगों के संक्रमित पाए जाने की सूचना पर जापान ने इसी अपने तट के पास रोक दिया। इस पर 3,711 लोग सवार हैं।

स्टालिन ने बुधवार को तमिलनाडु के छह नागरिकों समेत सभी भारतीयों को बचाने के लिए विदेश मंत्री एस जयशंकर को पत्र लिखकर अपनी मांग से अवगत कराया। उन्होंने कहा कि मदुरई निवासी एक व्यक्ति ने मदद की गुहार लगाई है। इसके पहले भारतीय दूतावास ने मंगलवार को कहा था कि वह पोत पर सवार भारतीयों के संपर्क में है, लेकिन अब तक कोई ठोस कार्रवाई होती नहीं दिख रही है।

पोत में 39 और लोग संक्रमित-
जापान के स्वास्थ्य मंत्री कतसुनोबू काटो ने बुधवार को बताया कि जहाज में सवार 53 लोगों की जांच की गई, जिनमें से 39 को कोरोना वायरस से संक्रमित पाया गया है। इस कारण कुल संक्रमित लोगों की संख्या 175 हो गई है। नए 39 लोगों में 10 चालक दल के सदस्य हैं जबकि 29 यात्री हैं।  संक्रमण के शिकार 39 नए रोगियों में से 11 अकेले जापान के हैं। बाकी रोगी चीन और अमेरिका समेत 11 देशों के नागरिक हैं।

जांच अधिकारी भी संक्रमित- 
लोगों को संक्रमित होने से बचाने में जुटे एक अधिकारी भी संक्रमित पाया गया है। यह अधिकारी तीन फरवरी से ही लोगों की जांच में जुटा था। इसने मास्क और दस्ताना लगा रखा था, लेकिन पूरी सुरक्षा देने वाला सूट नहीं पहना था। जापानी स्वास्थ्य विभाग के लोग अब इस अधिकारी के सहयोगियों और परिवार के सदस्यों की जांच में जुट गए हैं। आशंका जताई जा रही है कि इस अधिकारी द्वारा जांच के दौरान पोत के स्वस्थ लोग भी संक्रमित हुए होंगे।

निकाले जाते हैं संक्रमित लोग-
अब तक संक्रमित पाए गए सभी लोगों को जहाज से निकालकर स्थानीय अस्पतालों में भर्ती कराया गया है। जहाज में सवार 80 फीसदी यात्री 60 की उम्र पार कर चुके हैं जबकि 215 लोगों की उम्र 80 साल से ज्यादा है। 90 से ज्यादा उम्र के 11 लोग हैं।

इतालवी कैप्टन बना हीरो- 
जहाज के इतालवी कैप्टन की लोग तारीफ कर रहे हैं। कैप्टन लोगों के तनाव और आक्रोश को नहीं बढ़ने देने की पूरी कोशिश कर रहे हैं। जहाज के एक यात्री ने ट्वीट किया- नियमित सूचना देने, यात्रियों के सवालों के जवाब देने के साथ डेक पर चलकदमी करके कैप्टन स्थित को नियंत्रण में रखे हैं। कैप्टन दवा वितरण में देरी होने पर माफी मांगने में वक्त नहीं लगाते।

19 फरवरी से पहले राहत के आसार नहीं-
जहाज को दो हफ्ते तक अलग-थलग रखने की अवधि 19 फरवरी को पूरा होगी। इसके बाद यदि संक्रमण के नए मामले नहीं सामने आए तो बीमार और बुजुर्ग लोगों को पोत से बाहर किया जा सकता है। तब तक लोगों को ज्यादा से ज्यादा समय तक केबिन में रहने की सलाह दी गई है। डेक पर निकलने के दौरान मास्क लगाने समेत एक-दूसरे से दूर रहने को कहा गया है।

चीन में अब तक 1,113 की मौत- 
चीन में घातक कोरोना वायरस से मरने वालों की संख्या बढ़कर 1,113 हो गई है। मंगलवार को 97 और लोगों की जान गई और 2,015 नए मामलों की पुष्टि हुई। अब तक संक्रमण के 44,653, से अधिक मामले सामने आ चुके हैं। चीनी स्वास्थ्य आयोग के अनुसार, 8,204 लोगों की हालत गंभीर बनी हुई है।