नई दिल्ली।  कोविड टेस्ट की रिपोर्ट में गड़बड़ी करने वाले एक गैंग का भांडाफोड़ हुआ है।  जिसमें डॉक्टर और उसका सहयोगी गिरफ्तार किए गए हैं।  एक तरफ जहां हर रोज 80 हजार से ज्यादा कोरोना के मामले सामने आ रहे है तो वहीं दूसरी ओर कुछ लोगों ने कोरोना टेस्टिंग को धोखाधड़ी से कमाई का जरिया बना लिया है। दिल्ली पुलिस की साउथ डिस्ट्रिक्ट की हौज खास थाना पुलिस को 30 अगस्त को एक शिकायत मिली थी कि नामचीन लैब के नाम पर कुछ लोग फर्जी कोरोना रिपोर्ट बना रहे हैं जिसके बाद पुलिस ने अपनी जांच शुरू कर एक डॉक्टर और उसके साथी को गिरफ्तार किया है।  ये दोनों कोरोना की फर्जी रिपोर्ट लोगों को देते थे।

मालवीय नगर इलाके में अपना क्लिनिक चलाने वाला डॉक्टर कुश बिहारी पराशर एक बड़ी पैथ लैब की नकली रिपोर्ट तैयार कर लोगों को दे देता था।  पुलिस की पूछताछ में डॉक्टर पाराशर व उसके सहयोगी अमित ने बताया कि अब तक वो 75 से ज्यादा लोगों की रिपोर्ट तैयार कर चुके हैं।

30 अगस्त को दिल्ली में नर्स की सुविधा उपलब्ध करवाने का बिजनेस करने वाले एक शख्स ने डॉक्टर कुश पाराशर से संपर्क कर अपनी 2 नर्स का कोविड टेस्ट करवाने के लिए कहा जिसके बदले डॉक्टर पाराशर ने पैसे ले लिए और सैंपल भी कलेक्ट करा लिए, पर ये सैंपल किसी लैब में भेजने की जगह डॉक्टर ने अपने सहयोगी अमित सिंह की मदद से कोरोना की नकली नेगेटिव रिपोर्ट बनवाकर उस व्यक्ति को भेज दिया।

रिपोर्ट पीडीएफ फॉरमेट की शक्ल में नामी लैब के नाम से होती थी, जिससे कोई शक भी नहीं करता था, लेकिन इस बार रिपोर्ट तैयार करने वाले अमित से गलती हो गई, उससे एक नर्स के नाम में गड़बड़ी कर दी और बस वही से उनकी उल्टी गिनती शुरू हो गई।  इसके बाद शिकायतकर्ता नाम ठीक करवाने के लिए खुद ही लैब में चला गया।  वहां जाकर उसे पता चला कि इस नाम का कोई पेशेंट उनके यहां रिकॉर्ड में नहीं है, ना ही उनका कोई टेस्ट यहां किया गया है।

इस जानकारी के बाद पुलिस में शिकायत दर्ज कराई गई जिसके बाद जांच करके पुलिस ने डॉक्टर पराशर और उसके सहयोगी अमित को गिरफ्तार कर लिया।  पुलिस की जांच में पता चला है कि ये दोनों अब तक 75 से ज्यादा लोगों को ऐसे ही फर्जी रिपोर्ट थमाकर उनसे पैसे ऐंठ चुके हैं।

कोरोना के टेस्ट के लिए आरोपी ने हर मरीज से 2400 से रुपये लिए।  इतना ही नहीं जो सैंपल लिए गए उसे वह डिस्ट्रॉय कर देता था, लेकिन उसकी एक गलती ने दोनों को सलाखों के पीछे ला दिया।  सबसे बड़ा सवाल ये है  कोरोना जैसी महामारी में एक डॉक्टर अपने पेशे को न केवल बदनाम किया,  बल्कि लोगों की जान से भी खिलवाड़ किया।

पुलिस ने कहा कि कोरोना टेस्ट रिपोर्ट की जालसाजी के बारे में उन्हें एक प्रतिष्ठित टेस्टिंग लेबोरेट्री से शिकायत मिली थी, जिसके बाद हौज खास थाने में संबंधित धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया था। फिलहाल पुलिस उन लोगों का पता करने में जुटी है जिनका फेक कोरोना टेस्ट कर नकली रिपोर्ट तैयार की गई।