रोहतक। भले ही प्रदेश में कोरोना के मामले लगभग खत्म हो गए हो लेकिन एक बार फिर से हरियाणा वालों को सावधान होने की जरुरत हैं क्योंकि डॉक्टर्स एक और खतरे की आहट के बारे में लोगों को जागरूक कर रहे हैं और लोग इसे हल्के में ले रहे हैं। इस समय पूरे प्रदेश में वायरल फीवर के मरीजों की भरमार है, लेकिन डॉक्टर इसे खतरा बता रहे हैं। जिसे आप सामान्य फीवर समझ रहे हैं वो सावधानी न बरतने पर खतरनाक हो सकता है। प्रदेश में ऐसे छह मामले आ चुके हैं जिसमे डेंगू मलेरिया नहीं होने के बावजूद प्लेटनेट तेजी से कम हो गई और उनकी मृत्यु हो गई। इसलिए सावधानी बरतें।

कोरोना की दूसरी लहर के बाद हरियाणा में वायरल फीवर, सर्दी-जुकाम, शुगर-ब्लड प्रेशर व सामान्य बीमारियों के मरीज एकाएक बढ़ गए हैं। जिले के सबसे बड़े रोहतक पीजीआई में रोजाना 2000 ऐसे मरीज ओपीडी में पहुंच रहे हैं। कोविड कम होने के बाद अब ओपीडी में मरीजों की अधिक भीड़ देखी जा रही है, बच्चें भी वायरल फीवर, सर्दी व जुकाम की चपेट में आ रहे हैं। सबसे बड़ी बात ये हैं कि डेंगू मलेरियां नहीं होने के बावजूद लोगों में तेजी से प्लेटनेट्स कम हो रही है और लोग ठीक होने के बाद भी कमजोरी से उबर नहीं पा रहे। वहीँ अस्पतालों में कोविड प्रोटोकोल को लोग भूल रहे हैं, खासकर मास्क व सोशल डिस्टेंसिंग तार-तार है, इससे बीमारियों का खतरा बढ़ सकता है।

मौसम में बदलाव के साथ प्रदेश में वायरल बुखार, निमोनिया और उल्टी दस्त के मरीज बढ़ रहे हैं। सरकारी और निजी अस्पतालों की ओपीडी दोगुनी हो चुकी है। हर एक जिले में सिविल अस्पताल की ओपीडी 800 से बढ़कर लगभग 2000  हो चुकी है। सिविल अस्पताल में वायरल फीवर के हर रोज करीब 500  मरीज आ रहे हैं। अधिकतर बच्चे वायरल की चपेट में आ रहे हैं। सिविल अस्पताल में ओपीडी की लाइन, दवा वितरण काउंटर, डॉक्टर कक्ष, सभी जगह मरीजों की भीड़ है। भीड़ बढ़ने से डॉक्टर भी परेशान हैं। ऐसे में कोरोना का खतरा भी बढ़ रहा है। वायरल फीवर के केस बढ़ते ही कोरोना की सैंपलिंग भी बढ़ गई है। डॉक्टरों की लोगों से अपील है कि बदलते मौसम में ठंडे पानी का सेवन न करें और एसी से परहेज करें। बाहर का खाना खाने से बचें।

रोहतक, जींद, हिसार, सोनीपत, पानीपत जैसे कई शहरों से सिविल अस्पताल में रोज 1500 से 2000  मरीजों की ओपीडी हो रही है। इनमें करीब 350 से अधिक मरीज उल्टी-दस्त, डायरिया, डिहाइड्रेशन निमोनिया आदि बीमारियों के हैं। रोज हीट स्ट्रोक के दो से तीन और बुखार के करीब 250 मरीज अस्पताल पहुंच रहे हैं। इनमें 10 साल तक के छोटे बच्चों की संख्या अधिक है। डॉक्टरों के मुताबिक बुखार और हीट स्ट्रोक, उल्टी-दस्त आदि कई बीमारियों की वजह गर्मी का असर और मौसम में बदलाव है। रोहतक जिले के 150  निजी अस्पतालों में आमतौर पर हर रोज लगभग 8 हजार लोगों की ओपीडी होती थी, जोकि बढ़कर 12  हजार पार हो चुकी है।

पानीपत सिविल अस्पताल में सामान्य ओपीडी के इंचार्ज डॉ. जितेंद्र त्यागी ने बताया कि उनके पास रोजाना ओपीडी में 350-400 मरीज आ रहे हैं। इसमें वायरल बुखार व सर्दी, जुकाम के ही 200-250 मरीज रोजाना मिल रहे हैं। वायरल-टायफाइड में मरीजों की प्लेटलेट्स घट रही है। बदलता मौसम लोगों की सेहत बिगाड़ रहा है। हम मरीजों की डेंगू, मलेरिया और कोरोना की भी जांच लिख रहे हैं। रोजाना करीब ऐसे 150 मरीजों की कोरोना की जांच हो रही है।

डॉ. जितेंद्र त्यागी ने बताया कि सर्दी, जुकाम और बुखार होने पर घबराएं नहीं, केवल सावधानी बरतें। एहतियात के तौर पर डेंगू-मलेरिया और कोरोना की जांच कराएं। लेकिन वायरल फीवर में भी लापरवाही न बरतें, दवा का सेवन करें। इस बुखार में बहुत कमजोरी आ रही है और प्लेटनेट्स तेजी से कम हो रही हैं इसलिए ज्यादा से ज्यादा पेय पदार्थों का सेवन करें। ज्यादा से ज्यादा पानी पियें, पानी को उबाल कर पीना जरुरी है। सावधानी न बरतने पर ये बुखार टाइफाइड का रूप ले रहा हैं। इस का मुख्य कारण दूषित खानपान भी है, जितना हो सके फास्टफूड और जंकफूड बिलकुल न ले, गरिष्ठ भोजन का सेवन बिलकुल न करें। दूषित जल सेवन करने से भी टाइफाइड बुखार होता है, इसलिए पानी उबाल कर पिएं। रक्त की जांच अवश्य कराएं। बुखार होने पर अनुभवी चिकित्सक से परामर्श लें।

डॉ. सुदीप सांगवान ने बताया कि बदलता मौसम लोगों की सेहत बिगाड़ रहा है। दिन की तेज गर्मी में लोग ठंडा पानी, आइसक्रीम, कोल्डड्रिंक सेवन कर लेते हैं। दिन-रात कूलर-एसी चलाते हैं। इससे जुकाम-खांसी, वायरल बुखार होता है। कई दिन तक बुखार रहने से निमोनिया की स्थिति बन जाती है। रोग प्रतिरोधक क्षमता कमजोर होने लगती है। बदलते मौसम में बच्चों को विशेष देखभाल की जरूरत होती है।

वायरल बुखार के लक्षण

आंखें लाल होना
टाइफाइड बुखार के लक्षण
शरीर में अत्यधिक कमजोरी आना
दस्त लगना
त्वचा पर लाल रेशे
गले में खराश और कंपकंपी
दो सप्ताह तक डायरिया या खांसी
खांसी, जुकाम, तेज बुखार
बच्चे को सांस लेने में कठिनाई
उल्टी लगना
बच्चों में वायरल के लक्षण
थकान, जोड़ों में दर्द
मांसपेशियों व बदन में दर्द
पेट दर्द, सिर दर्द, भूख कम लगना
बच्चा थका हुआ लगता है