नई दिल्ली। डिफेंस रिसर्च एंड डेवलपमेंट ऑर्गेनाइजेशन की तरफ से तैयार की गई दवा 2-DG कोरोना वायरस के खिलाफ खासी प्रभावी है। हाल ही में सामने आई एक स्टडी में इस बात का खुलासा हुआ है। बीती 1 जून को डीआरडीओ ने कहा था कि 2-DG दवा को अस्पताल में भर्ती मरीजों में सहायक चिकित्सा के रूप में इस्तेमाल किया जा सकता है।

दरअसल ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया ने एक जून को इस दवा को मध्यम से गंभीर मरीजों के सहायक इलाज के रूप में आपातकालीन इस्तेमाल की मंजूरी दे दी थी। सरकारी अधिकारियों का कहना है कि डीआरडीओ की यह दवा बाजार में 900 रुपये प्रति पाउच होगी। इसे हैदराबाद स्थित डॉक्टर रेड्डीज लैबोरेटरी की तरफ से बेचा जाएगा। कंपनी केंद्र और राज्य सरकारों की कम कीमतों पर दवा मुहैया कराएगी।

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, इस दवा को लेकर कुछ जानकारी सावधानी की सलाह दे रहे हैं। कहा जा रहा है कि गंभीर डायबिटीज, दिल की परेशानियों आदि जैसी बीमारियों पर इस दवा के प्रभाव की अब तक स्टडी नहीं की गई है।

समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक, नई स्टडी में दावा किया गया है कि डीआरडीओ की दवा 2-DG कोविड-19 के सभी वेरिएंट्स के खिलाफ असरदार है और यह वायरस को बढ़ने से भी रोकती है। 15 जून को प्रकाशित हुई स्टडी की अभी तक समीक्षा नहीं की गई है। इसे स्टडी में अनंत नारायण भट्ट, अभिषेक कुमार, योगेश राय, धिविय वेदागिरी और अन्य लोग शामिल थे।

इसके अलावा शुरुआती स्टडी से पता चला है कि डीआरडीओ की यह दवा सेल को संक्रमण से प्रेरित साइटोपैथिक इफेक्ट दूर कर देती है। 2-DG को 17 मई को केंद्रीय मंत्री राजनाथ सिंह और डॉक्टर हर्ष वर्धन ने लॉन्च किया था। लॉन्चिंग के वक्त केंद्र सरकार ने दावा किया था कि इस दवा में मरीजों के स्वस्थ होने के समय को ढाई तक कम करने और ऑक्सीजन की मांग को 40 फीसदी तक कम करने की क्षमता है।