45 फीसदी लोगों ने कहा कि वे मास्क के बिना घर से बाहर नहीं जाएंगे। 10 में से छह लोगों ने कहा कि अगले किसी संकट से निपटने की दुनिया की तैयारियां बेहतर होंगी। रिपोर्ट के मुताबिक यह बैरोमीटर अमेरिका को ध्यान में रखकर बनाया गया है हालांकि, इसे वैश्विक स्तर पर भी लागू किया जा सकता है।
कोरोना संकट के बाद हो सकते हैं ये बदलाव
44.9 फीसदी लोगों का कहना है कि वो कोरोना संकट के बाद भी बिना मास्क के घर से बाहर नहीं निकलेंगे।
60.1 फीसदी लोगों का मानना है कि कोरोना के बाद दुनिया की तैयारियां बेहतर होंगी।
46.2 फीसदी लोगों का कहना है कि वो कोरोना संकट के बाद भी भीड़भाड़ वाली जगहों पर नहीं जाएंगे।
51.4 प्रतिशत लोगों का मानना है कि इसके बाद चिकित्सा प्रणाली में सुधार होगा।
39 फीसदी लोगों का मानना है कि कोरोना के बाद वर्क फ्रॉम होम का चलन बढ़ेगा।
9.6 प्रतिशत लोगों का मानना है कि कोरोना महामारी के बाद भी कर्फ्यू के हालात बनते रहेंगे।
9.4 फीसदी लोगों का मानना है कि कोविड-19 के बाद सबकुछ पहले जैसा हो जाएगा।
37.3 फीसदी लोगों का कहना है कि कोरोना के बाद छोटे कर्मियों के हालात सुधरेंगे।
36.5 फीसदी लोगों का मानना है कि इस बीमारी के खत्म होने के बाद कल्याण प्रणाली बेहतर होगी।
वहीं, 6.8 फीसदी लोगों का कहना है कि कोरोना के बाद सरकार लोगों की निगरानी करेगी।