नई दिल्ली। कोरोना में कारगर बताई गई दवा रेमडेसिविर का क्लीनिकल ट्रायल भारत में भी जल्द किया जाएगा। विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के सहयोग से ये परीक्षण शुरू किए जाएंगे। स्वास्थ्य मंत्रालय के सूत्रों के मुताबिक, सीएसआईआर और आईसीएमआर की टीमें इस पर काम कर रही हैं। डब्ल्यूएचओ से एक हजार रेमडेसिविर की शीशियां भारत को मिली हैं, जिनका इस्तेमाल कुछ राज्यों में होगा। हालांकि, यह दवा सिर्फ कोरोना के गंभीर मरीजों के लिए दी जाएगी। अमेरिका में हुए परीक्षणों के बाद वैज्ञानिकों ने दावा किया है कि इस दवा के सेवन से गंभीर कोरोना ग्रस्त मरीजों में तेजी से सुधार आता है। हालांकि यह दवा इबोला वायरस के संक्रमण के लिए बनाई गई थी।
अमेरिका में इलाज अगले सप्ताह से कोरोना के इलाज में इस्तेमाल होने रही एंटीवायरल दवा रेमेडिसिविर अगले सप्ताह से उपलब्ध रहेगी। अमेरिकी संस्था फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन ने इमरजेंसी में इस दवा के प्रयोग को मंजूरी दी थी। दवा बनाने वाली कंपनी गीलीड साइंसेज के प्रबंधन का कहना है कि दवा का निर्माण कंपनी में तेजी से चल रहा है जिससे अधिक से अधिक लोगों को इसे मुहैया कराया जा सके। कंपनी के सीईओ डैन ओ ने बताया कि कंपनी कोरोना की वैक्सीन बनाने पर भी तेजी से काम कर रही है।