नई दिल्ली। कोरोना वायरस मरीजों में अब एक नई तरह का फंगल इंफेक्शन को लेकर चेतावनी दी है। जिन मरीजों में ये इन्फेक्शन पाया गया है उनकी आंखों की रोशनी चली गई। पिछले 15 दिनों में, सर गंगा राम अस्पताल (SGRH) में ईएनटी सर्जन ने COVID-19 म्यूकोर्मोसिस के 13 मामले देखे हैं। अस्पताल के अधिकारियों ने कहा कि वर्तमान में मृत्यु दर 50 फीसदी (पांच मरीजों) की सीमा में देखी जा रही है। पिछले कुछ समय में डॉक्टरों को लगभग 10 रोगियों का इस इंफेक्शन के लिए उपचार करना पड़ा था। लगभग 50 प्रतिशत अपनी दृष्टि को स्थायी रूप से खो देते हैं।

इन पांच रोगियों को संबद्ध जटिलताओं के कारण महत्वपूर्ण देखभाल सहायता की आवश्यकता थी। बयान में कहा गया है कि इस उपसमूह में अब तक पांच मौतें हो चुकी हैं। तो वहीं अस्पताल में वरिष्ठ ईएनटी सर्जन, मनीष मुंजाल के अनुसार जिस आवृत्ति के साथ हम COVID-19-ट्रिगर म्यूकोर्माइकोसिस के मामले देख रहे हैं वह मृत्यु दर के साथ पहले कभी नहीं देखी गई है और चौंकाने वाली और खतरनाक है।

SGRH के सलाहकार ईएनटी सर्जन, वरुण राय ने कहा कि नाक में रुकावट, आंख या गाल में सूजन जैसे लक्षण दिखने पर तुरंत ओपीडी में ऐंटिफंगल थेरेपी जितनी जल्दी हो सके शुरु कर देनी चाहिए। यह चिंताजनक विपत्ति, हालांकि दुर्लभ है, नई नहीं है। एसजीआरआर ने एक बयान में कहा कि ब्लैक फंगस या म्यूकोर्मोसिस रोग लंबे समय से प्रत्यारोपण और आईसीयू और इम्यूनोडिफ़िशिएंसी रोगियों की बीमारी और मृत्यु का कारण रहा है।

हालांकि, कोविड ​​-19 रोगियों की संख्या में तेजी से वृद्धि हुई है, जो गंभीर चिंता का कारण है। पिछले 15 दिनों में, ईएनटी सर्जनों ने 50 प्रतिशत से अधिक रोगियों में COVID-19-ट्रिगर म्यूकोर्मोसिस रोग के 13 मामले देखे हैं, आंखों की रोशनी कम होने और नाक और जबड़े की हड्डी को हटाने की जरूरत पड़ती है।