नई दिल्ली। कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए नई ईजाद की गई दवा रामबाण सिद्ध होगी, ऐसा वैज्ञानिकों ने दावा किया है। बताया गया है कि इस दवा के सेवन से कोरोना होने की स्थिति में अस्पताल में दाखिल होने का खतरा 85 से 90 प्रतिशत तक टल सकेगा।

गौरतलब है कि कोरोना पिछले चार साल से अधिक समय से वैश्विक स्तर पर स्वास्थ्य के लिए गंभीर खतरा बना हुआ है। आंकड़े बताते हैं कि अब तक दुनियाभर में 70 करोड़ से अधिक लोग इस संक्रामक रोग के शिकार हो चुके हैं। वहीं 70 लाख से अधिक लोगों की इससे मौत भी हो चुकी है।

अमेरिका में किया जा रहा पैक्सलोविड दवा का इस्तेमाल

एक हालिया अध्ययन में वैज्ञानिकों ने दावा किया है कि संक्रमण की स्थिति में एक दवा के उपयोग से गंभीर रोग विकसित होने और अस्पताल में भर्ती होने के खतरे को कम किया जा सकता है। अमेरिका में इस दवा का इस्तेमाल 12 साल से अधिक उम्र के लोगों के लिए किया जा रहा है। पैक्सलोविड दवा का उपयोग करने वाले रोगियों में कोविड-19 के कारण अस्पताल में भर्ती होने का जोखिम 84 प्रतिशत कम देखा गया।

जर्नल ऑफ एंटीमाइक्रोबियल कीमोथेरेपी में प्रकाशित शोध की रिपोर्ट में इस दवा की प्रभाविकता को लेकर दावा किया गया है। वैज्ञानिकों का कहना है कि अगर संक्रमितों का इलाज कर रहे डॉक्टर्स को लगता है कि रोग गंभीर रूप ले रहा है तो इस दवा को इलाज में शामिल करके खतरे को कम करने में मदद मिल सकती है।

पांच हजार लोगों पर किया गया शोध

कोरोना संक्रमण

शोध के दौरान करीब 5,000 लोगों को पैक्स्लोविड दिया गया। जिन मरीजों को इलाज के दौरान पैक्सलोविड दिया गया, उनमें अस्पताल में भर्ती होने का जोखिम कम था। इस दवा ने संक्रमितों में गंभीर रोग की स्थिति में अस्पताल में भर्ती होने के खतरे को 85-90 फीसदी तक कम कर दिया। इन परिणामों से पता चलता है कि पैक्सलोविड की मदद से संक्रमण की गंभीरता को कम करने में मदद मिल सकती है।