बाड़मेर। कोविड महामारी की तीसरी लहर ही आशंका को लेकर तैयारियां की जा रही है। चिकित्सा संस्थानों में अगले तीन महीनों तक पर्याप्त मात्रा में दवा जो कोविड के उपचार में काम आती है, उसका स्टॉक रखना होगा। जरूरत पडऩे की स्थिति में तुरंत प्रभाव से काम में लिया जा सके। कोविड के उपचार में कई तरह की दवाइयों की जरूरत रहती है। इसमें फ्लूइड व इंजेक्टेबल दवाइयां भी शामिल है।
तीसरी लहर की आशंका को लेकर विशेषज्ञों की ओर से बार-बार अलर्ट किया जा रहा है। अन्य राज्यों में बढ़ रहे संक्रमितों के आंकड़ों से भी आशंका ज्यादा बढ़ रही है कि कहीं अगस्त-सितम्बर महीने में जताई जा रही संभावना कहीं सही साबित नहीं हो जाए। इसी के चलते चिकित्सा विभाग पहले से ही दवाइयों के स्टॉक को लेकर तैयारी कर रहा है कि जरूरत पडऩे पर तुरंत मरीजों को उपलब्ध हो सके।
कोविड की दूसरी लहर में इंजेक्शन सहित कुछ दवाइयों की कमी हुई थी। हालांकि बाद में इसे दुरुस्त कर लिया गया। लेकिन तीसरी लहर में दवाइयों की किसी तरह की कमी नहीं हो इसके लिए अभी से डिमांड और स्टॉक की जानकारी नियमित रूप से मुख्यालय भेजनी होगी। इसके लिए चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग के शासन सचिव ने प्रदेश के समस्त जिला कलक्टर को पत्र भेजा है। समस्त चिकित्सा संस्थानों में आवश्यक दवाओं की सूची में शामिल मेडिसिन तो है ही, लेकिन इस सूची के बाहर पर कोविड उपचार में काम आने वाली दवाइयों की पर्याप्त उपलब्धता का विशेष ध्यान रखना होगा। इसके लिए भी निर्देश जारी किए गए हैं।