कोरोना वायरस के नाम पर  कई तरह के मिथक सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे है। इसी कड़ी में हिन्दुस्तान अखबार ओर से भी विशेष पहल चलाकर आप तक सटीक और प्रमाणिक सूचना पहुंचाने का प्रयास किया जा रहा है। जानें कोरोना वायरस से जुड़ी कुछ भ्रांतियां और उनकी हकीकत :

मिथक: योग से कोविड-19 के संक्रमण को ठीक किया जा सकता है
हकीकत : इस बात में कोई शक नहीं कि योग से हम सभी सेहतमंद जीवन जीने की ओर आगे बढ़ सकते हैं, लेकिन यह कोविड-19 संक्रमण का बचाव नहीं है। संक्रमण होने पर तुरंत विशेषज्ञों की निगरानी में आना बहुत जरूरी है।
मिथक: कोविड-19 अब तक का सबसे घातक वायरस है
हकीकत : वैज्ञानिक कहते हैं कि कोविड-19 (सार्स-कोव-2) संक्रमण, एन्फ्लुएंजा से ज्यादा गंभीर संक्रमण दिखता जरूर है, पर अब तक हमारा सामना जितने भी वायरस से हुआ है, उनमें यह सबसे घातक नहीं है।
मिथक: किसी संक्रमित व्यक्ति के साथ 10 मिनट रहने पर ही संक्रमण हो सकता है।
हकीकत : वैज्ञानिक साक्ष्यों की मानें तो हम कोविड -19 से संक्रमित किसी व्यक्ति के साथ जितनी देर तक रहेंगे, संक्रमित होने की आशंका उतनी बढ़ जाएगी। लेकिन यह संक्रमित व्यक्ति के साथ 10 मिनट से कम रहने पर भी हो सकता है।