सीधी। मध्यप्रदेश का एक जिला इन दिनों सुर्खियों में है, कारण गलत है जो कि दुखद बात है। मध्यप्रदेश के सीधी जिले के सबसे बड़े अस्पताल में ही खून के इंतजाम नहीं हैं। जी हां, अब आप सोचकर देखिए जब जिले के सबसे बड़े अस्पताल में ही ये हाल है तो बाकियों का क्या होगा।
अगर इस जिले में खून की जरूरत पड़ती है तो उसे बाहर से मंगाना पड़ता है। इसके अलावा विक्लप के तौर पर कई बार मरीजों को कहीं और रेफर कर दिया जाता है। मिली जानकारी के अनुसार, जिला अस्पताल स्थित ब्लड बैंक का स्टाक खाली है। यहां 4 ग्रुप का एक बूंद रक्त नहीं है। लिहाजा, परिजनों का उपचार कराने आए लोगों को परेशान होना पड़ता है। चिकित्सक खुद से व्यवस्था करने की सलाह देते हैं।
हालात इतने खराब है कि कई बार तो समय पर खून ना मिलने के कारण लोगों को अपनी जान तक गवानी पड़ती है। ऐसे मामले होने के बावजूद जिले के इस अस्पताल के हालात नहीं बदले है। ब्लड बैंक में खून की कमी की जानकारी प्रबंधन सहित स्वास्थ्य अधिकारियों को भी है। लेकिन फिर भी रक्तकोष बढ़ाने गंभीरता से प्रयास नहीं किए जा रहे हैं।
आपको बता दे कि ब्लड बैंक में आकस्मिक स्थिति के लिए सभी समूहों का 2 यूनिट ब्लड होना अनिवार्य है। लेकिन रक्तदान न होने व बढ़ती मांग से इमरजेंसी कोटा समाप्त हो गया है। जबकि, जिले में 67 फीसदी महिलाएं रक्तअल्पता की शिकार हैं। प्रसव के दौरान होने वाली मौतों की वजह भी ज्यादातर में खून की कमी को बताया जाता है। बड़ी संख्या में बच्चे भी खून की कमी से जूझ रहे हैं, फिर भी ब्लड बैंक मे रक्त बढ़ाने को लेकर किसी भी तरह के प्रयास नहीं किए जा रहे हैं। अब आप सोचकर देखिए, यहां बाकी स्वास्थ्य सेवाओं के क्या हाल होंगे।