Gaya: बिहार के गया (Gaya) जिले के सरकारी अस्पतालों में मिलने वाली दवाएं मात्र कागज तक ही सीमित रह गई हैं। यहां के अस्पतालों में मिलने वाली दवाइयों की संख्या तो 200 से अधिक है लेकिन किसी भी अस्पताल में संख्या के अनुपात में आधी दवा भी नहीं मिलती है। इसी साल मार्च महीने में दवाइयों की सूची में इजाफा किया गया था लेकिन दो महीने बीत जाने के बावजूद भी मात्र कागज तक ही सिमट कर रह गया है।

मरीज दवाइयों के लिए बाहर की दुकानों पर ही निर्भर (Gaya) 

अस्पताल में भर्ती मरीजों को दवाईयों के लिए बाहर के दुकानों पर ही निर्भर रहना पड़ रहा है। अनुग्रह नारायण मगध मेडिकल कॉलेज अस्पताल में भी दवाओं की नयी सूची मार्च में ही उपलब्ध करायी गयी है। स्वास्थ्य विभाग से मिली जानकारी के मुताबिक जारी की गई नई सूची में कई प्रकार के बीमारियों के लिए नई दवा जोड़ी गई है। मिर्गी, न्यूरो संबंधित दवा, यूरिक एसिड, कोलेस्ट्राल और कैंसर संबंधित दवाएं बढ़ाई गई है। इसके अतिरिक्त बच्चों के एलर्जी भी जोड़ी गई है, जिसके मिलने के मरीजों को अधिक लाभ होगा।  पुरानी सूची में कोलेस्ट्राल और न्यूरो संबंधित सहित कई प्रकार की दवाओं की कमी थी।

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सरकारी अस्पतालों में मिलने वाली दवाइयों की सूची 

मगध मेडिकल कॉलेज अस्पताल के ओपीडी में 356 दवा और इनडोर में 256 दवा
● जयप्रकाश नारायण अस्पताल के ओपीडी में 287 और इनडोर में 169
● सभी अनुमंडलीय अस्पताल के ओपीडी में 212 और इनडोर में 101
● सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों के ओपीडी में 212 और इनडोर में 97
● रेफरल अस्पताल के ओपीडी में 203 और इनडोर में 98
● प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों के ओपीडी में 201 और इनडोर में 93
● शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों के ओपीडी में 180 दवा
● अतिरिक्त प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों के ओपीडी में 140 और इनडोर में 53 दवा

 

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