झांसी। एक तरफ प्रशासन प्राइवेट नर्सिंग होम पर अपना दबदबा बनाए हुए है और जांच में कई नर्सिंग होम के लाइसेंस रद्द व अस्पताल सील भी किए हैं, इसके बावजूद नियमों को ताक पर रखकर शहर में अवैध रूप से कई नर्सिंग होम का संचालन हो रहा है। कई ऐसे मामले सामने आ चुके हंै। नर्सिंग होम में इलाज के दौरान मरीज की मृत्यु हो जाना या अवैध वसूली के कारण तीमारदारों में झगड़ा-फसाद होना आम बात है, फिर भी प्रसाशन मौन है।
झांसी-ललितपुर मेन रोड पर हंसारी में बने मेट्रो नर्सिंग होम में एक ऐसी ही घटना घटित हुई है। मृतका के पति शमीम ने बताया कि उनकी पत्नी सना को डिलिवरी के लिए हंसारी के मेट्रो नर्सिंग होम में भर्ती कराया था। भर्ती के बाद नर्सिंग होम प्रबंधन ने मुझसे भारी रकम जमा करने की मांग की। मंैने 18 हजार रुपए नकद जमा कर दिए। फिर डॉक्टरों ने बिना चेक किए मुझसे 8500 रुपये की दवाई भी बाहर से मंगवाई। डॉक्टर की गैरमौजूदगी में पत्नी को इंजेक्शन लगाए गए। मेरी पत्नी दर्द से तड़प रही थी और नर्सिंग होम कर्मचारी लापरवाही बरत रहे थे। तीन घंटे बीत जाने के बाद भी कोई आपरेशन नहीं किया। कुछ समय बाद ही मेरी पत्नी और उसके पेट में पल रहे बच्चे की भी मौत हो गई। एक घंटे बाद नर्सिंग होम कर्मचारियों ने मुझे बिना बताए पैसे की मांग की। मंैने मौके पर अपने रिश्तेदारों व पुलिस को सूचित किया। मामले को नर्सिंग होम प्रशासन ने सेटिंग कर रफा-दफा कर दिया।