कोरोनो वायरस से पीड़ित गर्भवती महिलाओं के भ्रूण में संक्रमण फैलने का कोई खतरा नहीं है। यह दावा हाल ही में हुए एक चीनी अध्ययन में किया गया है। यह अध्ययन फ्रंटियर इन पेडियाट्रिक्स में प्रकाशित किया गया था। अध्ययन हुजहोंग यूनिवर्सिटी ऑफ साइंस एंड टेक्नोलॉजी, वुहान के शोधकर्ताओं ने किया है। यह इस बात की पुष्टि करने के लिए एक महीने में दूसरा शोध है कि यह वायरस गर्भवती महिलाओं से शिशुओं में नहीं पहुंचता है।
कोरोना वायरस महामारी का केंद्र चीन के हुबेई प्रांत में स्थित वुहान को माना जाता है। इसने दुनिया भर में 3 लाख से अधिक लोगों को प्रभावित किया है और 14,000 से अधिक लोगों की जान ले ली है। अध्ययन का विषय चार कोरोना वायरस मरीज थे, जिन्होंने वुहान के यूनियन अस्पताल में बच्चों को जन्म दिया, जो यूनिवर्सिटी के अंदर आता है।
सभी शिशुओं को शुरू में नियोनेटल यूनिट में रखा गया। किसी भी शिशु ने कोरोना वायरस से जुड़े कोई भी गंभीर लक्षण जैसे कि बुखार या खांसी नहीं दिखाए। चार में से तीन के गले में खराश के बाद इंफेक्शन के लिए टेस्ट लिए, जबकि चौथे बच्चे की मां ने टेस्ट के लिए अनुमति नहीं दी।
रिपोर्ट के अनुसार, एक शिशु को तीन दिनों तक सांस लेने की मामूली समस्या हुई, जबकि दो अन्य को चकत्ते हुए जो कि अपने आप ही गायब हो गए। शोधकर्ता येलेन लिउ ने अध्ययन के साथ एक बयान में कहा, ‘हमें यकीन नहीं है कि यह चकत्ते मां के कोरोना संक्रमण के कारण थे।‘
टीम के अनुसार, सभी चार शिशु स्वस्थ हैं और उनकी माएं भी पूरी तरह से स्वस्थ हैं। चीन में डॉक्टर सतर्क रहे हैं और जिन लोगों को जन्म देने से कुछ समय पहले वायरस का पता चला था, वे दो सप्ताह के लिए अपने नवजात शिशुओं से अलग हो गए हैं। इन शिशुओं को फार्मूला खिलाया गया है और वे स्वस्थ दिखाई देते हैं।
यूएस सेंटर्स फॉर डिसीस कंट्रोल एंड प्रिवेन्शन इसी तरह के उपायों की सलाह दे रहा है, लेकिन ब्रिटेन का आरसीओजी नहीं। शोधकर्ता ओब्रियेन की टीम यूके रॉयल कॉलेज ऑफ पीडियाट्रिक्स और चाइल्ड हेल्थ के साथ सहयोग कर रही है। उन्होंने कहा, ‘यदि आप मां और बच्चे को अलग करते हैं, तो आप बॉन्डिंग और बेहतर स्तनपान के सभी लाभ खो देते हैं।‘
ओब्रियेन ने कहा, ‘रॉयल कॉलेज ऑफ पीडियाट्रिक्स एंड चाइल्ड हेल्थ ने इस बात पर ध्यान दिया कि मां और बच्चे को एक साथ रखने से होने वाले फायदे बच्चे को जन्म देने वाली मां के जोखिमों को कम करते हैं।’
शुरुआती रिपोर्टों से पता चलता है कि स्तनपान के जरिए मां से शिशु में वायरस नहीं जाता है। लेकिन स्वास्थ्य अधिकारी उन मांओं को सलाह दे रहे हैं जो वायरस से संक्रमित हैं उन्हें स्तनपान करते समय सावधानी बरतने के लिए हाथ धोना और फेस मास्क पहनना जरूरी है।
वास्तव में, जो लोग जन्म देने से पहले वायरस से उबरते हैं, वे इसके खिलाफ एंटीबॉडी विकसित करेंगे और अपने बच्चों को स्तनपान कराके वायरस के खिलाफ कुछ सुरक्षा दे सकते हैं। इस तरह, ऐसे बच्चे तकनीकी रूप से वायरस के खिलाफ किसी भी प्रकार का टीका लेने वाले पहले व्यक्ति हो सकते हैं।