नई दिल्ली। इलाज में भारी बिल को कम करने के लिए केंद्र सरकार महंगे चिकित्सा उपकरणों, डिस्पोजेबल व कंज्यूमेबल (उपभोग सामग्री) की कीमतों पर भी लगाम कसने की में है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने एक कमेटी गठित की है। यह कमेटी चिकित्सा उपकरणों और इलाज में इस्तेमाल होने वाले डिस्पोजेबल व कंज्यूमेबल को जरूरी दवाओं की राष्ट्रीय सूची एनएलईएम (स्टैंडिंग नेशनल कमेटी ऑन मेडिसिन) में शामिल करने के लिए दिशा-निर्देश तैयार करेगी। यह जानकारी स्वास्थ्य मंत्रालय ने आरटीआई के जवाब में हार्ट केयर फाउंडेशन ऑफ इंडिया को दी है। इसलिए आने वाले दिनों में यह चीजें भी एनएलईएम में शामिल हो जाएंगी। इससे मरीजों को बड़ी राहत मिलेगी। दरअसल फाउंडेशन ने भारत के ड्रग कंट्रोलर जनरल व राष्ट्रीय औषधि मूल्य नियंत्रण प्राधिकरण में आरटीआई दायर कर इस बारे में सवाल पूछे थे।
इसके बाद फाउंडेशन ने प्रधानमंत्री कार्यालय व केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री को पत्र लिखकर चिकित्सा उपकरणों, डिस्पोजेबल व कंज्यूमेबल को दवाओं की राष्ट्रीय सूची में शामिल करने की मांग की थी। साथ ही यह पूछा था कि क्या पहले से कोई ऐसा प्रावधान है। मंत्रालय ने सात अगस्त को जवाब देते हुए फाउंडेशन को बताया है कि प्रधानमंत्री कार्यालय से उसके पत्र पर कार्रवाई करने का निर्देश मिला है। इसके मद्देनजर एनएलईएम में संशोधन के लिए स्वास्थ्य शोध विभाग के सचिव व भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आइसीएमआर) के महानिदेशक के नेतृत्व में एसएनसीएम गठित की गई है। यह कमेटी जरूरी दवाओं की राष्ट्रीय सूची में संशोधन के साथ साथ उसमें चिकित्सा उपकरणों, डिस्पोजेबल इत्यादि को शामिल करने के लिए दिशा निर्देश तैयार करेगी। फाउंडेशन के अध्यक्ष डॉ. केके अग्रवाल ने कहा कि ऐसे अनेक चिकित्सा उपकरण हैं, जिसका इस्तेमाल इलाज में जरूरी होता है, जो वर्तमान समय में राष्ट्रीय सूची में शामिल नहीं है। जबकि विदेशों में उसके लिए अलग से राष्ट्रीय सूची होती है।