प्रयागराज। छह अस्पताल सीज करने का मामला सामने आया है। स्वास्थ्य विभाग की ओर से फर्जी अस्पतालों के खिलाफ चलाये जा रहे अभियान में ग्रामीण इलाको में छापेमारी की गयी। इसमेें दो अस्पतालो में खामियां पाई गई। इस दौरान दो अस्पतालों को सीज कर दिया गया। मुख्य चिकित्सा अधिकारी प्रयागराज डॉ आंशू पाण्डेय के अनुसार ग्रामीण इलाकों में चल रहे फर्जी अस्पतालों के खिलाफ अभियान चलाकर करीब आधा दर्जन अस्पतालों को सीज किया गया है। उन्होंने बताया कि आगे भी यह कार्रवाई चलती रहेगी।

यह है मामला

मुख्य चिकित्सा प्रयागराज डॉ आंशू पाण्डेय ने ग्रामीण इलाको में संचालित किए जा रहे फर्जी अस्पतालो के खिलाफ कार्रवाई को लेकर टीम गठन की हुई है। गठित टीम ने ग्रामीण क्षेत्रों में झोलाछाप डॉक्टर और फर्जी अस्पतालों के खिलाफ अभियान चलाया। टीम शांति पटेल हॉस्पिटल बीरभानपुर सिकंदरा पहुंची। यहां टीम ने हॉस्पिटल में भर्ती तीन मरीजों से मिलकर उनकी समस्या को सुना। यहां एक नवजात शिशु को एनआईसीयू में भर्ती किया गया था। लेकिन शिशु के इलाज व देखभाल के लिए कोई भी चिकित्सक या पैरामेडिकल मौके पर मौजूद नहीं मिला। इसके बाद टीम ने तत्काल हॉस्पिटल के रजिस्ट्रेशन को कैेंसिल कर दिया।

कैलाश हॉस्पिटल में अवैध पैथोलॉजी को सीज किया

टीम ने इसके बाद कैलाश हॉस्पिटल का निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान वहां 5 मरीज भर्ती मिले। यहां भी कोई डॉक्टर मौजूद नहीं मिला। इसके बाद हॉस्पिटल के रजिस्ट्रेशन को कैंसिल कर दिया गया। इसी तरह से कैलाश हॉस्पिटल के अंदर संचालित हो रहे अवैध पैथोलॉजी को भी सीज कर दिया गया।

सार्थक हॉस्पिटल में मौके पर नहीं मिले चिकित्सक

टीम ने सार्थक हॉस्पिटल का निरीक्षण किया। जहां मौके पर चिकित्सक मौजूद न होने के कारण एवं वर्तमान नवीनीकरण ना होने के कारण सार्थक हॉस्पिटल को सीज कर दिया गया। स्वास्थ्य विभाग की टीम ने निर्मला हॉस्पिटल रस्तीपुर सोरो का निरीक्षण किया।

जहां चिकित्सक मौजूद न होने के कारण निर्मला हॉस्पिटल के पंजीकरण को निरस्त कर दिया। लगातार टीम की कार्रवाई में अवैध रूप से संचालित हो रहे वंदना हॉस्पिटल कोड़ापुर का निरीक्षण किया गया। निरीक्षण के दौरान हॉस्पिटल का पंजीकरण न होने के कारण वंदना हॉस्पिटल को सीज कर दिया गया। स्वास्थ्य विभाग की इस कार्रवाई से इलाकों में खलबली मची रही।