बोकारो (झारखंड) : शहर के सदर अस्पताल में बनेजन औषधि केंद्र की तरफ से विभाग को दवाओं की सूची भेजे हुए दो माह बीतने को है लेकिन दवा आपूर्ति अभी तक नहीं हो सकी। इस वजह से स्वास्थ्य केंद्र में गंभीर बीमारियों से पीडि़त मरीज बिना दवा के लौट रहे हैं। बीमारी का दर्द लिए मरीज राहत की उम्मीद लेकर आते हैं लेकिन उन्हें यहां परेशानी के अलावा कुछ नहीं मिलता। चूंकि योजना प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नाम से आगे बढ़ाई गई है इसलिए मीडिया में खबर सुर्खियां बन गई। मरीज भी अकसर प्रबंधन को दवा नहीं मिलने की शिकायत करते हैं।

इस सब के बावजूद अधिकारियों ने पत्र लिखने के अलावा कोई कसरत नहीं की। सदर अस्पताल बोकारो में एक मात्र जनौषधि केंद्र है। यहां जिले भर से आर्थिक रूप से कमजोर लोगों का बड़ा तबका गंभीर रोगों से पीडि़त होकर बेहतर इलाज की चाह में पहुंचता है। डॉक्टर दवा तो लिख देते हैं लेकिन उसे खरीदने के लिए अस्पताल के बाहर कैमिस्टों को महंगे दाम चुकाने पड़ते हैं। यहां सस्ती दर पर दवा मिलने का सपना महज सपना बनकर रह गया। आखिर सस्ती दवा समय पर क्यों मरीजों तक नहीं पहुंच रही। क्यों लगते हैं जन औषधि केंद्र तक दवा पहुंचने में इतने दिन। क्या रास्ते में कोई रुकावट है या फिर कोई है जो सस्ती दवाएं यहां तक नहीं पहुंचने देना चाह रहा, कहीं इस रुकावट से किसी को मोटा फायदा तो नहीं हो रहा, ये कुछ बड़े सवाल है, जिनक जवाब सबको चाहिए।