नलिनी रंजन, पटना : कोरोना संक्रमण की पहली व दूसरी लहर के बीच दवा की कीमतों में काफी उछाल देखने को मिली है। 2020 से 2021 के बीच कीमतों में पांच से 20 फीसद तक वृद्धि हुई है। खासकर बीपी, शुगर की दवा की कीमतेंं पांच से 10 फीसद तक बढ़ी है। इसका मरीजों की जेब पर सीधा असर दिख रहा है।
कोरोना की दवा की कीमत कुछ कम, ब्लैक फंगस की महंगी
कोरोना की दवाओं में कुछ कमी देखने को मिल रही है। केंद्र सरकार की अधिकृत अमृत फार्मेसी के आइजीआइएमएस प्रबंधक मृगेंद्र कुमार ने बताया कि कोरोना में उपयोग होने वाली दवा रेमेडेसिविर में जीएसटी पांच फीसद, टाक्सीलुजुमैब में शून्य, एमफेटेरेसिन में शून्य होने से कुछ दवाओं में कीमत कम हुई है। सैनिटाइजर व पल्स आक्सीमीटर की कीमत में भी कमी आई है। फैक्ट्री स्तर पर ब्लैक फंगस की दवा की कीमत बढऩे से मरीज परेशान हैं।
लागत में वृद्धि के कारण कीमतें बढ़ीं
बिहार केमिस्ट एंड ड्रगिस्ट एसोसिएशन के महासचिव प्रदीप कुमार चौरसिया ने बताया कि कोरोना संक्रमण के बाद कई देशों में दवा उत्पादन के लिए कच्चे माल की कमी होने के कारण उत्पादन पर सीधा असर हो रहा है। कच्चे माल के दामों में वृद्धि के कारण दवा कीमतों में पांच से 20 फीसद तक वृद्धि हुई है। इसमें शुगर व बीपी के कीमतों में पांच से 10 फीसद तथा मल्टीविटमिन व एंटीबायोटिक्स में 20 फीसद तक वृद्धि दर्ज हुई है।
प्रमुख दवा -कीमत वर्ष 2020 -वर्तमान
सिरप सिनारिस्ट 80.69 – 88.68
सिनारिस्ट वैप 78.20 – 86.00
सिनारिस्ट 55.10 – 61.20
एमफेटेरेसीन -बी- 5266 – 7000
पोसोकोनाजोल सीरप -19999 – 24501
मेटागार्ड सीआर 60 -167.50 – 174.46
ग्लाइसिनोर्म 80 – 62.50 – 68.00
ग्लाइसिनोर्म एम 40 – 62.00 – 68.15
टेलीमोर 40 -72.24 -73.58
सीटीडी 60.25 – 80.25 – 85.10
एटूजेड- 105- 125
मीकाफंगिंग- 3500 – 7000
ग्लिमिप्रेक्स एमएफ1 से 500 – 55 – 59
पिप्रास्लीन एंड टैटोवैक्टम- 85 – 135